तैलीय मछली का सेवन करने से टाइप 2 डायबिटीज होने का जोखिम कम होता है।
डायबिटीज केयर में ऑनलाइन प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, हफ्ते में दो या अधिक बार सैल्मन, सार्डिन, ट्राउट जैसी मछलियों का सेवन टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को कम करता है।
इस खोज के लिए न्यूयॉर्क शहर के अल्बर्ट आइंस्टीन कॉलेज ऑफ मेडिसिन के शोध दल ने 392,287 मध्यम आयु वर्ग और बुजुर्ग प्रतिभागियों ( जिनमे 55 प्रतिशत महिलाऐं भी थी) के डेटा का अध्ययन किया।
उनका उद्देश्य तैलीय, गैर-तैलीय और मछली के तेल का सप्लीमेंट लेने से टाइप 2 डायबिटीज पर पड़ने वाले फर्क को देखना था।
- Advertisement -
लगभग 10 साल तक शोध में शामिल सभी लोगों को देखने के दौरान, टाइप 2 डायबिटीज के 7,262 मामले सामने आए।
अध्ययन दल ने देखा कि सप्ताह में दो या अधिक सर्विंग्स खाने वालों को एक बार या तैलीय मछली नहीं खाने वालों की तुलना में टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 18 प्रतिशत कम था।
शोधकर्ताओं की सलाह है कि डायबिटीज की रोकथाम के लिए स्वस्थ आहार के साथ ताजी तैलीय मछली जैसे सैल्मन, सार्डिन, ट्राउट जरूर खानी चाहिए।
यह फिश आयल सप्लीमेंट से बेहतर और ज्यादा फायदा देने वाली खुराक है।
ALSO READ: डायबिटीज है तो खाए ऐसा खाना