अमेरिका के कृषि (यूएसडीए) और स्वास्थ्य एवं मानव सेवा (एचएचएस) विभागों द्वारा 2020-2025 के लिए नए आहार संबंधी दिशानिर्देश जारी किये गए है।
इन विभागो द्वारा हर पांच साल में आहार संबंधी दिशानिर्देश जारी किए जाते हैं। सरकार उन्हें स्कूल लंच और अन्य कार्यक्रमों के लिए मानक निर्धारित करने के लिए उपयोग करती है।
इससे खराब जीवनशैली और गलत खानपान की आदतों से होने वाले हृदय रोग, मोटापे और डायबिटीज जैसी जानलेवा बीमारियों के खतरे को कम करने में भी मदद मिलती है।
नई फ़ेडरल डाइटरी गाइडलाइन्स में स्वस्थ भोजन के महत्व पर जोर दिया गया है।
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इसमें पहली बार गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के साथ-साथ शिशुओं और बच्चों के लिए भी जीवन भर उचित पोषण के महत्व को रेखांकित किया गया है।
जाने आहार संबंधी नए दिशानिर्देशों को:
- पिछली बार की तरह इस बार भी एक स्वस्थ आहार पैटर्न को अपनाने पर जोर।
- कम से कम छह महीने तक केवल स्तन का दूध पिलाने की सलाह।
- 2 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए चीनी नहीं।
- फलों, सब्जियों और दालों को खाने में ज्यादा शामिल करें।
- आहार में साबुत अनाज, कम या गैर-वसा वाले डेयरी प्रोडक्ट्स, सीफूड, नट्स और अनसैचुरेटेड वेजिटेबल आयल लें।
- रेड और प्रोसेस्ड मीट, चीनी से बने मीठे खाद्य पदार्थ, ड्रिंक्स और रिफाइंड अनाज कम करें।
- सैचुरेटेड फैट के सेवन को कम करने और इसे पॉलीअनसेचुरेटेड फैट के साथ बदलने की सलाह।
- सैचुरेटेड फैट का सेवन कम करने से कोलेस्ट्रॉल और हृदय संबंधी खतरे कम होने की संभावना होगी।
- पुरुषों को शराब प्रतिदिन दो ड्रिंक से ज्यादा नहीं।
- सोडा के बजाय स्पार्कलिंग पानी पिएं।
अमेरिकी हार्ट एसोसिएशन ने सरकार के इस कदम की तारीफ की है और कहा है कि नए दिशानिर्देश एसोसिएशन की आहार सिफारिशों के अनुरूप है। उच्च गुणवत्ता वाला आहार से जीवन के हर स्तर पर स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलेगा।
इससे आहार से संबंधित पुरानी बीमारियों के जोखिम भी कम हो सकते है।
अतिरिक्त मीठे और नमक को कम करने पर जोर
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हालांकि एसोसिएशन का कहना है कि USDA और HHS ने डायटरी गाइडलाइंस एडवाइज़री कमेटी की विज्ञान आधारित सभी सिफारिशों को स्वीकार नहीं किया।
इसमें रिफाइंड फ्रूट जूस, कॉर्न सिरप से मिलने वाले अतरिक्त मीठा को कैलोरी में कम से कम 6% से भी कम करने की सिफारिश शामिल है।
गौरतलब है कि अमेरिकी आहार में इस अतिरिक्त शुगर का सबसे बड़ा स्रोत मीठे ड्रिंक्स है, जिसमें अत्यधिक कैलोरी तो होती है लेकिन अतिरिक्त पोषक तत्व नहीं होते है। इसके सेवन से वजन बढ़ने और डायबिटीज का होना आम बात है।
सोडियम का अत्यधिक सेवन भी हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाता है। अत्यधिक नमक का 70 प्रतिशत हिस्सा प्रोसेस्ड, पैकेटबंद और रेस्तरां के खाद्य पदार्थों से आता है।
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