स्टेविया (Stevia), एक प्राकृतिक स्वीटनर, का इस्तेमाल इंसानी आंतों के अंदर पनपने वाले बैक्टीरिया के लिए नुकसानदायक हो सकता है, ऐसी आशंका शोधकर्ताओं ने जताई है।
आधुनिक जीवनशैली में टेबल शुगर के बढ़ते खतरे को देखते हुए स्टेविया, स्टीविया रेबाउडियाना पौधे से प्राप्त एक स्वीटनर और चीनी का विकल्प, को कई स्वास्थ्य लाभों से जुड़ा हुआ माना जाता रहा है।
इसे मधुमेह (diabetes) वाले लोगों के लिए एक स्वास्थ्यप्रद चीनी विकल्प (sugar substitute) के तौर पर और ‘शून्य-कैलोरी’ के रूप में भी वर्गीकृत किया गया है, क्योंकि प्रति सेवारत यह कैलोरी बहुत कम देता है।
लेकिन अब इजराइल की बीजीयू यूनिवर्सिटी (Ben-Gurion University of the Negev-BGU) के शोधकर्ताओं ने साइप्रस और तुर्की के सहयोगियों के साथ की गयी रिसर्च में पाया है कि प्राकृतिक स्वीटनर, स्टेविया (चीनी का विकल्प) आंत में बैक्टीरिया (gut microbiome) के बीच संचार को बाधित कर सकता है, जिससे असंतुलन पैदा हो सकता है।
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माइक्रोबियम आंतों में रहने वाले बैक्टीरिया के बीच संचार और समन्वय के लिए सिग्नलिंग अणुओं (signaling molecules) पर निर्भर करता है।
शोधकर्ताओं ने इन संचार मार्गों पर स्टेविया और शुद्ध स्टेविया अर्क के प्रभाव की जांच की। टीम ने पाया कि स्टेविया ने इन मार्गों को बाधित किया, लेकिन बैक्टीरिया को नहीं मारा।
स्टेविया अर्क ने अधिक चिंतित करने वाले संचार को प्रदर्शित किया, जिसने मूवमेंट्स को बाधित किया।
प्रमुख शोधकर्ता डॉ करीना गोलबर्ग का कहना था कि यह एक प्रारंभिक अध्ययन है जो बताता है कि फ़ूड इंडस्ट्री द्वारा चीनी और कृत्रिम मिठास की जगह स्टेविया और इसके अर्क के इस्तेमाल से पहले अधिक अध्ययनों का तय किया जाना जरूरी है।