चिप्स, चॉकलेट, आइसक्रीम, हॉटडॉग, नूडल्स, फ्राइज़ जैसी अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फ़ूड (Ultra-processed food) की शौक़ीन माताओं के बच्चे (Children) मोटापे (Obesity) का शिकार हो सकते है, ऐसा एक स्टडी का अनुमान है।
यूएस के मेडिकल रिसर्चर्स की यह हालिया स्टडी, एक मां द्वारा अधिक अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फ़ूड (Ultra-processed food) खाने से उसकी संतानों में अधिक वजन (Overweight) या मोटापे (Obesity) का ख़तरा बढ़ने से जुड़ी हुई है।
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित स्टडी के नतीजे, अन्य लाइफस्टाइल कारणों के बावजूद बाज़ार में मिलने वाले पैकेटबंद फ़ास्ट फ़ूड (Fast food) को बच्चों में अधिक वज़न और मोटापे का विशेष रूप से जिम्मेदार बताते है।
इसे देखते हुए रिसर्चर्स ने प्रसव उम्र की महिलाओं को बच्चे के जन्म और पालन-पोषण के दौरान ऐसे खाद्य पदार्थों के सेवन को सीमित करने की सलाह दी है।
- Advertisement -
इस संदर्भ में रिसर्च टीम को अधिक जानकारी संयुक्त राज्य अमेरिका में हुए दो बड़े अध्ययनों से प्राप्त आकंड़ों से मिली थी।
इनमें 14,553 माताओं के 7 से 17 वर्ष की आयु वाले 19,958 बच्चों का हेल्थ रिकॉर्ड शामिल था।
इसके अलावा, प्रेग्नेंसी के दौरान बताई गई 2,925 माताओं-बच्चों की डाइट का भी विश्लेषण किया गया था।
कुल मिलाकर, चार साल तक चली स्टडी के दौरान 2,471 बच्चों में अधिक वजन या मोटापे का विकास पाया गया।
परिणामों में एक मां के पैकेटबंद भोजन की बढ़ती खपत से उसकी संतानों में अधिक वजन या मोटापा होने का अंदेशा था।
- Advertisement -
दिन में अधिकतम अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फ़ूड (12 सर्विंग्स/दिन) खाने वाली माताओं के बच्चों को अधिक वज़न या मोटापे का जोखिम, ऐसा भोजन सबसे कम (3.4 सर्विंग्स/दिन) खाने वाली माताओं की तुलना में 26% अधिक था।
हालांकि, गर्भधारण के तीन महीने पहले से लेकर प्रसव तक अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फ़ूड का सेवन संतान में अधिक वजन या मोटापे के ख़तरे से गंभीरतापूर्वक जुड़ा हुआ नहीं था।
इस बारे में कोई स्पष्ट तंत्र न मिलने के कारण रिसर्चर्स ने भविष्य में और स्टडीज़ करने की इच्छा प्रकट की।
गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2020 में तीन करोड़ 90 लाख बच्चे अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त बताए थे।
ऐसे बच्चों को हृदय रोग, डायबिटीज, कैंसर और जल्दी मृत्यु का ख़तरा माना गया था।