Healthy brain diet: एक हालिया रिसर्च के वैज्ञानिकों का कहना है कि आहार में बदलाव दिमागी कामकाज को दुरुस्त कर मानसिक विकारों को कम कर सकता है।
उनकी खोज एक सरल आहार और जीवनशैली में बदलाव द्वारा बुढ़ापे में मस्तिष्क की कार्यक्षमता और स्वास्थ्य की गिरावट को धीमा करने की संभावना दर्शाती है।
शिकागो के रश यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर की स्टडी में दावा किया गया है कि एक विशेष प्रकार की डाइट लेने से बुजुर्गों में अल्जाइमर रोग डिमेंशिया के विकास का खतरा कम होते देखा गया है।
ऐसी डाइट उनके मस्तिष्क को हानिकारक प्रोटीन जमाव से बचा सकती है। ये रोगजनक प्रोटीन तंत्रिका कोशिकाओं के बीच में जमने लगते है, जिससे सोचने और समस्या सुलझाने के कौशल में कमी आती है।
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MIND diet नाम से मशहूर ऐसे आहार में 10 मस्तिष्क को स्वस्थ रखने वाले और पांच सेहत बिगड़ने वाले खाद्य पदार्थ जैसे रेड मीट, मक्खन, पनीर, पेस्ट्री या मिठाई और तला हुआ फास्ट फूड आदि शामिल है।
इस डाइट का लाभ उठाने वालों को रोजाना साबुत अनाज, एक हरी पत्तेदार सब्जी और एक अन्य सब्जी खाने की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, एक गिलास वाइन, नट्स, बीन्स, चिकन और सप्ताह में कम से कम एक बार मछली जरूर खानी पड़ेगी।
उन्हें सेहत बिगड़ने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करना होगा। इसमें मक्खन को एक दिन में डेढ़ चम्मच से कम और सप्ताह में सीमित मात्रा में मिठाई, पेस्ट्री, फैट भरा पनीर, तला हुआ या फास्ट फूड खाना होगा।
अभी तक इस डाइट को अपनाने वालों की सेहत पर अच्छे प्रभाव देखने को मिले है और वैज्ञानिकों ने स्वयं 500 से अधिक बुजुर्गों की जांच में ऐसा आहार खाने से बेहतर होती याददाश्त और सोचने की क्षमता जुड़ी हुई देखी है।
स्टडी के नतीजे जर्नल ऑफ अल्जाइमर डिजीज में प्रकाशित किए गए है।