लाल और प्रोसेस्ड मीट (Red and processed meat) खाने से दिल की आर्टरीज ब्लॉक हो जाती है, जिससे हृदय रोग (Heart disease) का खतरा बढ़ जाता है।
यह कहना है ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च टीम का जिन्होंने सबूत के तौर पर 13 अध्ययनों में शामिल 14 लाख लोगों की स्वास्थ्य समीक्षा रिपोर्ट भी पेश की है।
30 वर्षों तक उन लोगों की निगरानी के बाद सामने आया कि हर दिन प्रोसेस्ड मीट (बेकन, हैम और सॉसेज) और रेड मीट (बीफ, लैंब और पोर्क) के 50 ग्राम अधिक सेवन से धमनियों में रुकावट (Coronary heart disease) का खतरा क्रमश: 18 फीसदी और 9 फीसदी बढ़ जाता है।
लेकिन अंडे या चिकन खाने से धमनियों पर कोई स्पष्ट जोखिम नहीं मिला।
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यहां बता दें कि प्रोसेस्ड मीट को ज़्यादा समय तक ताज़ा रखने के लिए इसमें केमिकल और प्रीजरवेटिव मिलाए जाते है।
धमनियों के सिकुड़ने से दिल को खून की आपूर्ति रुकने वाली इस बीमारी से विश्व स्तर पर हर साल लगभग नौ लाख लोगों की जान जाती है।
लाल मांस या प्रोसेस्ड मीट खाने से दिल को होने वाले खतरे की वजह सैचुरेटेड फैट और नमक की अधिक मात्रा बताई जाती है।
इनसे खराब कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर बढ़ते है, जो कोरोनरी हार्ट डिजीज के विख्यात जोखिम कारक है।
इसी रिसर्च टीम ने लाल और प्रोसेस्ड मीट से आंत कैंसर का खतरा बढ़ना भी बताया था।
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टीम के अनुसार, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (Greenhouse gas emissions) में मांस उत्पादन का प्रमुख योगदान है। इसलिए मांस उत्पादन और खपत को कम करने से पर्यावरण के साथ-साथ व्यक्तिगत स्वास्थ्य को भी लाभ होगा।
अधिक जानकारी के लिए इस अध्ययन को क्रिटिकल रिव्यु इन फ़ूड साइंस एंड न्यूट्रिशन में पढ़ा जा सकता है।
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