Health benefits of eating protein in diabetes: डायबिटीज वालों के लिए अधिक कार्बोहाइड्रेट की जगह उचित प्रोटीन खाना ब्लड शुगर नियंत्रण में लाभकारी है, ये कहना है एक सर्वे का।
यह सर्वे अमेरिका की ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी और एबॉट कंपनी द्वारा सयुंक्त रूप से किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य कम प्रोटीन सेवन और डायबिटीज के बीच महत्वपूर्ण संबंध को उजागर करना था।
डाइटरी रेफरेंस इंटेक (Dietary Reference Intakes – DRIs ) में वयस्कों के लिए प्रतिदिन शरीर के वजन जितना ही प्रोटीन खाने की सलाह है। इसका अर्थ यह है कि 70 किलो वजन वाले व्यक्ति को प्रतिदिन 70 ग्राम प्रोटीन भोजन से लेना चाहिए।
हालांकि, सर्वे के नतीजों से पता चला कि अधिकांश डायबिटीज वाले रोजाना के लिए जरूरी प्रोटीन की पूरी मात्रा भी नहीं खाते है।
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सर्वे से भोजन में इस मुख्य पोषक तत्व की कमी के साथ ही आहार की कम गुणवत्ता, ज्यादा कार्बोहाइड्रेट खाना और सीमित शारीरिक गतिविधियों की बात भी सामने आई।
प्रोटीन को डायबिटीज पीड़ितों की ताकत और गतिशीलता बनाए रखने के लिए भी जरूरी माना गया है। शरीर के विकास के लिए आवश्यक इस पोषक तत्व को अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है।
सर्वे की स्टडी करने वालों ने डायबिटीज को मांसपेशियों के कम विकास से जुड़ा पाया है। कमजोर मांसपेशियों से मनुष्य के गिरने और अन्य चोटें लगने की संभावना बनी रहती है।
यही कारण है कि प्रोटीन की खपत और इसकी आवश्यकता के बारे में जागरूकता मांसपेशियों और कार्यात्मक गतिशीलता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे डायबिटीज वालों को एक शक्तिशाली जीवन जीने में मदद मिल सकती है।
इसके विपरीत, सामने आया है कि ऐसे लोग रोजाना के लिए जरूरी प्रोटीन की तय मात्रा का भी सेवन नहीं करते। फलस्वरूप, उनके लिए झुकना, घुटने मोड़ कर बैठना, लंबे समय तक खड़े रहना और भारी वस्तुओं को धक्का देना या खींचना मुश्किल हो जाता है।
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सर्वे में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा खाने वाले डायबिटीज पीड़ितों के आहार की गुणवत्ता और ब्लड शुगर कंट्रोल अन्यों से बेहतर पाई गई।
पता चला कि डायबिटीज ग्रस्त कम प्रोटीन खाने वाले 13 प्रतिशत अधिक कार्बोहाइड्रेट का सेवन करते थे। इससे उनके ग्लूकोज स्तर पर नकारात्मक प्रभाव हुआ। इसके अलावा, उनके भोजन में पोषक तत्वों की मात्रा भी पर्याप्त नहीं थी।
विशेषज्ञों का मानना था कि डायबिटीज जैसी समस्या को सफलतापूर्वक नियंत्रित करने के लिए लोगों को पोषण संबंधी शिक्षा दी जानी चाहिए।
इससे सही पोषक तत्वों के साथ एक संपूर्ण आहार लेने और निरोगी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक खाद्य पदार्थों से बचने का भी पता रहेगा।
न्यूट्रिएंट्स पत्रिका में प्रकाशित यह स्टडी, संयुक्त राज्य अमेरिका के 23,000 से अधिक वयस्कों पर हुई थी।
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