COVID-19 से ठीक होने के बाद भी प्रभावितों में लंबे समय तक कई स्वास्थ्य समस्याएं देखी जा रही है।
इन समस्याओं के पीड़ितों को लॉन्ग कोविड सिंड्रोम (Long COVID Syndrome) या पोस्ट कोविड का शिकार कहा गया है।
लॉन्ग कोविड में थकान, गंध न आना, सांस फूलना, ब्रेन फॉग, त्वचा संबंधी समस्याएं प्रमुख है।
अब इटली के वैज्ञानिकों की एक नई स्टडी ने लॉन्ग कोविड के ख़तरे को Vitamin D के निम्न स्तर से जोड़ा है।
- Advertisement -
उनकी यह स्टडी इस्तांबुल में जारी यूरोपीयन कांग्रेस ऑफ़ एंडोक्रिनोलॉजी की बैठक में प्रस्तुत की गई है।
नतीजों की मानें तो COVID संक्रमण से ठीक हुए मरीज़ों को अपने Vitamin D की जाँच करानी चाहिए।
अभी तक अस्पताल में भर्ती हुए 50 से 70% कोरोना संक्रमित लॉन्ग कोविड पीड़ित मिले है। लेकिन कारण अज्ञात है।
अधिक जानकारी जुटाने के लिए वैज्ञानिकों ने लॉन्ग कोविड और बिना इस समस्या के 100 रोगियों की जांच की थी।
50 या अधिक उम्र वाले उन रोगियों के Vitamin D को अस्पताल में भर्ती और छुट्टी मिलने के छह महीने बाद मापा गया।
- Advertisement -
वैज्ञानिकों ने लॉन्ग कोविड सिंड्रोम वाले रोगियों में Vitamin D का स्तर बिना समस्या वालों की तुलना में कम पाया।
भ्रम, भूलने की बीमारी और खराब फोकस जैसे ‘ब्रेन फॉग’ के लक्षण महसूस करने वालों में Vitamin D की कमी ज़्यादा स्पष्ट थी।
विश्लेषण में, कम Vitamin D स्तर वाले COVID-19 रोगियों में लॉन्ग कोविड विकसित होने की संभावना अधिक मिली।
हालांकि, Vitamin D सप्लीमेंट लेने से लॉन्ग कोविड लक्षणों में सुधार हो सकता है या नहीं, इसकी खोज अभी बाक़ी है।