Weight loss diet for heart patients: हृदय रोगियों को अक्सर बढ़े हुए वजन और खान-पान की समस्या से दो-चार होना पड़ता है।
ऐसे में यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी की एक स्टडी ने उन्हें आहार में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Low glycaemic index) वाले खाद्य पदार्थ लेने की सलाह दी है।
नई स्टडी के मुताबिक़, कोरोनरी धमनी रोग (Coronary artery disease) के रोगियों को ऐसे आहार से वज़न कम होने सहित अनेकों स्वास्थ्य लाभ मिल सकते है।
यह जानकारी स्टडी करने वाले विशेषज्ञों ने कोरोनरी धमनी रोग के मरीज़ों की बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई), कमर, कूल्हे और कमर से कूल्हे के अनुपात पर कम जीआई आहार (Low GI diet) के संभावित लाभों का आकलन करने के बाद दी है।
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ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) हमे बताता है कि कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन ब्लड शुगर के स्तर को कितनी जल्दी प्रभावित करता है।
एक ओर जहां उच्च जीआई (High GI) खाद्य पदार्थ ब्लड शुगर में तेजी से वृद्धि करते है, वहीं कम जीआई वाले खाद्य पदार्थ धीरे-धीरे पचते है जिससे शुगर लेवल धीमी गति से बढ़ता है।
बता दें कि उच्च जीआई वाले खाद्य पदार्थ कार्डियोवैस्कुलर बीमारी और टाइप 2 डायबिटीज के बढ़ते जोखिम से जुड़े जाने जाते हैं।
उच्च जीआई में सफेद ब्रेड, सफेद चावल, आलू और मिठाई शामिल है, जबकि कम जीआई में सेब, संतरा, ब्रोकली और पत्तेदार साग, दालें, राजमा, ब्राउन राइस और ओट्स आते है।
मांस, मुर्गी और मछली कार्बोहाइड्रेट रहित होने के कारण किसी जीआई रेटिंग में नहीं आते।
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वर्ष 2016 और 2019 के बीच हुई इस नई स्टडी में, 38 से 76 वर्ष की आयु के 160 रोगियों को तीन महीने के लिए कम जीआई आहार या नियमित आहार दिया गया था।
साथ ही दोनों समूहों के मरीज़ों का कोरोनरी धमनी रोग उपचार भी जारी रहा।
स्टडी में, कम जीआई समूह के मरीजों ने प्रोटीन और फैट की सामान्य खपत जारी रखते हुए उच्च जीआई खाद्य पदार्थों का सेवन बंद किया।
दूसरी ओर, नियमित आहार समूह को फैट और कुछ प्रोटीन जैसे संपूर्ण दूध, पनीर, मांस, अंडे की जर्दी और तले हुए खाद्य पदार्थों को सीमित करना पड़ा।
तीन महीनों के बाद दोनों समूहों के मरीजों में शारीरिक अंतर दिखाई दिए, लेकिन केवल निम्न जीआई समूह में महत्वपूर्ण परिवर्तन दर्ज किए गए।
शोधकर्ताओं ने कम जीआई वाली डाइट से बीएमआई और कमर के घेरे में महत्वपूर्ण कमी दर्ज की।
नियमित आहार समूह के 1.4 किग्रा की तुलना में कम जीआई समूह के बीएमआई में 4.2 किग्रा की गिरावट आई। इसके अलावा, नियमित आहार समूह के 3.3 सेमी की तुलना में कम जीआई समूह की कमर का घेरा 9 सेमी तक घटा।
कम जीआई आहार खाने वाली महिलाओं की तुलना में पुरुषों की कमर, कूल्हे और कमर से कूल्हे का अनुपात अधिक प्रभावित हुआ। हालांकि, कम जीआई आहार का लाभकारी प्रभाव पुरुषों और महिलाओं दोनों के बीएमआई पर समान था।
विशेषज्ञ दल के अनुसार, भले ही इन निष्कर्षों की पुष्टि के लिए बड़े अध्ययन की आवश्यकता है, लेकिन कम जीआई खाद्य पदार्थों से हृदय रोगियों को वजन और कमर का घेरा नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
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