Resveratrol का सेवन ख़ून में असामान्य रूप से बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल या फैट (लिपिड) को ठीक कर दिल को स्वस्थ रख सकता है।
चीन के वैज्ञानिकों की एक स्टडी ने, थोड़ी मात्रा में Resveratrol सप्लीमेंट लेने से कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों (Cardiovascular disease) के ख़तरे में कमी आने की सूचना दी है।
न्यूट्रिएंट्स जर्नल में प्रकाशित स्टडी के नतीजों से Resveratrol लेने पर टाइप 2 डायबिटीज, मोटापा, नॉन-अल्कोहल फैटी लीवर डिजीज या स्ट्रोक के मरीज़ों को लाभ मिलने का अनुमान है।
इस विषय में पुख़्ता सबूत Resveratrol सेवन से जुड़े 17 परीक्षणों और 18 डाटा के नतीजों से प्राप्त बताए गए है।
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सभी नतीजों में कुल कोलेस्ट्रॉल, एचडीएल, एलडीएल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर पर Resveratrol की कम से लेकर अधिक मात्रा की ख़ुराक का असर बताया गया था।
वैज्ञानिक टीम को Resveratrol सप्लीमेंट से कोलेस्ट्रॉल जमाव रुकने और लिवर में जमा फैट घटने से दिल की बीमारियों को बढ़ाने वाले कुल कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स एवं ख़राब कोलेस्ट्रॉल (LDL) का स्तर कम होते मिला।
लेकिन अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) के स्तर पर इसका कोई प्रभाव ज्ञात नहीं हुआ।
हालांकि, रोज़ाना सप्लीमेंट की 500mg से अधिक की डोज़ लेने पर कोलेस्ट्रॉल, फैट, वज़न और बीएमआई में वृद्धि जैसा उल्टा असर भी जाना गया।
इसे देखते हुए टीम ने Resveratrol सप्लीमेंट की खुराक सावधानीपूर्वक लेने की सलाह दी है।
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बता दें की अंगूर और रेड वाइन में पाया जाने वाला Resveratrol ऐसा शक्तिशाली पॉलीफेनोल है, जो एंटी-फंगल, एंटीपैप्टोटिक और कार्डियोप्रोटेक्टिव लाभ देता है।
पहले हुए कई अध्ययनों ने भी Resveratrol से मिलने वाले संभावित स्वास्थ्य लाभों का समर्थन किया है।
हालांकि, इसकी ऊंची ख़ुराक के मुक़ाबले लंबे समय तक ली जाने वाली कमतर ख़ुराक से कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का ख़तरा ज़्यादा घटने की संभावना है।
फ़िलहाल वैज्ञानिकों ने ब्लड लिपिड प्रोफाइल पर Resveratrol सप्लीमेंट की ख़ुराक और अवधि के प्रभाव को देखने के लिए और जांच की आवश्यकता कही है।
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