Type 2 diabetes diet: टाइप 2 डायबिटीज वालों के लिए अपना ब्लड शुगर लेवल संभालना चुनौतीपूर्ण काम है।
ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) के उतार-चढ़ाव की स्थिति में भोजन निर्णायक भूमिका निभाता है।
इस विषय पर हुई एक हालिया स्टडी ने डायबिटीज वालों को एक आसान सुझाव दिया है।
स्टडी के नतीजों ने नाश्ते में कम कार्ब्स (Low-carbohydrate breakfast) खाने से डायबिटीज वालों को फायदा बताया है।
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इस उपाय से पीड़ितों को अपना ब्लड शुगर लेवल बेहतर रखने में मदद मिल सकती है।
अमेरिकन जर्नल ऑफ़ क्लीनिकल न्यूट्रिशन में छपी यह स्टडी ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में हुई थी।
स्टडी में कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य विशेषज्ञ शामिल थे।
उन्हें ब्रेकफास्ट में ओट्स, टोस्ट और फलों की अपेक्षा अंडे या पनीर ज़्यादा खाना लाभकारी मिला था.
ऐसा करने वाले इंसानों का ब्लड शुगर दिन के अधिकांश समय कंट्रोल में रहा।
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सिर्फ एक भोजन में बदलाव से ब्लड शुगर नियंत्रित रखना बेहद आसान उपाय माना गया।
ग़ौरतलब है कि भोजन के बाद डायबिटीज वालों के ब्लड शुगर में तेजी से वृद्धि होती है।
इस वृद्धि को नियंत्रित करना आवश्यक है अन्यथा कई स्वास्थ्य समस्याओं का ख़तरा बढ़ता है।
आजकल कई डाइट कम कार्बोहाइड्रेट्स खाने की वकालत करती है। लेकिन सभी के लिए ऐसा करना कठिन है।
ऐसे में दिन के पहले भोजन में ही कार्ब्स कम खाने से ब्लड शुगर कंट्रोल रखना सुखद उपाय है।
इस बारे में और जानकारी 12-सप्ताह की स्टडी में शामिल 121 पुरुषों और महिलाओं से मिली थी।
स्टडी में ज़्यादा कार्बोहाइड्रेट के मुक़ाबले कम कार्ब्स व अधिक प्रोटीन और फैट के ब्रेकफास्ट ने ब्लड शुगर में कमी रखी।
कम कार्ब्स का ब्रेकफास्ट खाकर कुछ मरीज़ अपनी ग्लूकोज घटाने वाली दवा भी सीमित करने में सक्षम थे।
यहाँ तक कि उनकी ब्लड शुगर में दिन भर होने वाले ऊपर-नीचे के झुकाव भी काफी कम रहे।
दिलचस्प था कि कम कार्ब वाला नाश्ता करने वालों ने लंच और डिनर में भी कम कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट की सूचना दी।
नतीजों के अनुसार, स्वस्थ फैट और प्रोटीन से भरपूर कम कार्ब्स का नाश्ता डायबिटीज वालों का खानपान सुधार सकता है
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