दही (Yogurt) को कई बीमारियों की रोकथाम में सहायक माना गया है।
दूध से बनी दही में कई स्वास्थ्यवर्धक बैक्टीरिया होते है, जो छाछ और पनीर के निर्माण में भी महत्वपूर्ण है।
ये बैक्टीरिया इम्यूनिटी बढ़ाकर और रोगजनक सूजन कम करके पेट के स्वास्थ्य को भी दुरुस्त रखते है।
अब एक अंतरराष्ट्रीय स्टडी ने वर्षों तक दही खाने से कुछ कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal cancer) में रोकथाम बताई है।
- Advertisement -
रिसर्च टीम ने 100,000 से अधिक महिलाओं तथा 51,000 पुरुषों के हेल्थ एवं फ़ूड डेटा का विश्लेषण किया था।
उन सभी पर कम से कम तीन दशकों तक नजर रखने के बाद कोलोरेक्टल कैंसर के 3,079 मामले मिले।
हफ्ते में दो या अधिक बार दही खाने वालों में प्रॉक्सिमल कोलन कैंसर (Proximal colon cancer) का खतरा कम था।
प्रॉक्सिमल कोलन कैंसर एक प्रकार का कोलोरेक्टल कैंसर है जो कोलन के दाईं ओर होता है।
डिस्टल यानी बाईं ओर की अपेक्षा प्रॉक्सिमल कोलोरेक्टल कैंसर ज्यादा घातक बताया गया है।
- Advertisement -
टीम ने यह सुरक्षात्मक प्रभाव दही में मौजूद Bifidobacterium से संभव पाए जो टयूमर विकास रोकते है।
बता दें कि अमेरिकन कैंसर सोसायटी ने कोलोरेक्टल कैंसर को पुरुषों में कैंसर की मौतों का तीसरा व महिलाओं में चौथा प्रमुख कारण कहा है।
संगठन ने वर्ष 2025 में इस कैंसर से लगभग 53,000 लोगों की मौत होने का अनुमान लगाया है।
बुजुर्गों में कोलोरेक्टल कैंसर की मृत्यु दर घटी है, लेकिन 55 वर्ष से कम वालों में यह दर लगभग 1% प्रति वर्ष बढ़ रही है।
नतीजों की मानें तो खान-पान, आंत माइक्रोबायोम और कोलोरेक्टल कैंसर होने के बीच गहरा संबंध हैं।
जापान और यूएसए के रिसर्चर्स की यह स्टडी गट माइक्रोब्स जर्नल में प्रकाशित हुई थी।
Also Read: एंटीबायोटिक लेने वाले रोजाना खाएं दही, जानिए क्यों?