टोरंटो यूनिवर्सिटी की एक नई स्टडी ने इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting) यानी 8 घंटे से अधिक समय तक उपवास रखने को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया है।
स्टडी के नतीजों ने एक साल से अधिक समय तक उपरोक्त फास्टिंग अपनाने से लोगों में खाने के विकार से जुड़ा व्यवहार (Eating disorder behaviors) और मनोविकृति (Psychopathology) की जानकारी दी है।
बता दें कि युवाओं से लेकर व्यस्कों तक में इंटरमिटेंट फास्टिंग जैसी डाइटिंग का उपयोग वज़न घटाने (Weight loss) और कंट्रोल करने के लिए किया जाता है।
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर इसके संभावित नुकसान की जानकारी ईटिंग बिहेवियर जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी से मिली है।
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स्टडी में इंटरमिटेंट फास्टिंग फॉलो करने वाले कनाडा के 2,700 से अधिक किशोरों और वयस्कों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया था।
शोधकर्ताओं ने ऐसी फास्टिंग से विशेषकर महिलाओं को सबसे ज़्यादा नुकसान पाया।
लंबे समय तक फास्टिंग से महिलाओं में ज़्यादा खाने के बाद उल्टी करने और ज़बरदस्ती एक्सरसाइज करने का व्यवहार देखा गया।
इंटरमिटेंट फास्टिंग अपनाने वाले पुरुषों में भी अनमने एक्सरसाइज करने की संभावना अधिक थी।
उनके मन में वज़न बढ़ने का डर और खाए गए भोजन की कैलोरी जानने की होड़ लगी रहती थी।
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ऐसे व्यवहार को शोधकर्ताओं ने भोजन और मनोवैज्ञानिक विकारों को बढ़ाने वाला पाया।
निष्कर्ष में इंटरमिटेंट फास्टिंग को खान-पान की आदतों, व्यवहार और सोच-विचार के लिए हानिकारक बताया गया है।
हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स से भी लंबे समय तक इंटरमिटेंट फास्टिंग को वज़न घटाने वाले उपाय के रूप में सिफारिश न करने का आग्रह किया गया है।
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