लाल मांस (Red Meat) की अपेक्षा फलियों (Beans) के सेवन में वृद्धि से हड्डियों के स्वास्थ्य और प्रोटीन में कमी नहीं होती है।
यह ताज़ा जानकारी फ़िनलैंड की हेलसिंकी यूनिवर्सिटी में किए गए एक अध्ययन से मिली है।
अध्ययन में पी और फैबा बीन (Pea and Faba beans) के फ़ूड प्रोडक्ट्स को रेड व प्रोसेस्ड मीट से बदलने पर भी शरीर के लिए ज़रूरी प्रोटीन (Protein) में कमी नहीं पाई गई।
पीऔर फैबा बीन खाने वालों को अमीनो एसिड की पर्याप्त मात्रा मिली और हड्डियों के स्वास्थ्य पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा।
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इस अध्ययन में, 102 फिनिश पुरुषों ने छह सप्ताह तक वैज्ञानिकों द्वारा दी गई डाइट का सेवन किया था।
एक समूह के लोगों ने प्रति सप्ताह 760 ग्राम रेड और प्रोसेस्ड मीट खाया, जो कुल प्रोटीन सेवन का 25% था।
दूसरे समूह ने मुख्य रूप से पी और फैबा बीन्स पर आधारित फ़ूड प्रोडक्ट्स खाए, जो कुल प्रोटीन सेवन का 20% थे।
इसके अलावा, इस समूह के लोगों ने सीमित मात्रा में रेड और प्रोसेस्ड मीट (200 ग्राम या कुल प्रोटीन का 5%) सेवन किया।
वैज्ञानिकों को दोनों समूह के लोगों की हड्डियों के स्वास्थ्य के बीच कोई अंतर नहीं मिला।
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दोनों समूहों के लोगों के बीच कैल्शियम या विटामिन डी मात्रा में भी कोई ख़ास अंतर नहीं पाया गया।
ऐसा शायद बींस खाने वालों द्वारा डेयरी उत्पादों का सेवन करते रहने से संभव हो पाया था।
हड्डियों के लिए डेयरी प्रोडक्ट्स ज़रूरी है। उनकी जगह पौधों या अन्य स्रोतों से कैल्शियम और विटामिन डी का सेवन सुनिश्चित करना आवश्यक है।
वैज्ञानिकों ने नकारात्मक पर्यावरणीय प्रभावों को देखते हुए मांस की खपत में कमी करना बेहद महत्वपूर्ण कहा है।
बींस खाने से कोलेस्ट्रॉल, आंत स्वास्थ्य और पोषक तत्वों के सेवन से संबंधित अन्य निष्कर्ष बाद में प्रकाशित किए जाएंगे।
इस बारे में और जानकारी ब्रिटिश जर्नल ऑफ़ न्यूट्रिशन में छपे लेख से मिल सकती है।
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