High-fiber diet benefits: शरीर के लिए फाइबर युक्त भोजन के महत्व को बताने वाली ड्यूक यूनिवर्सिटी की एक स्टडी हाल ही में प्रकाशित हुई है।
स्टडी के विशेषज्ञों का कहना है कि डाइट में फाइबर की मात्रा बढ़ाने से आंतों में रहने वाले अति सूक्ष्मजीवों (Gut microbiome) को सबसे ज़्यादा लाभ होता है।
यह लाभ किसी भी तरह के घुलनशील, अघुलनशील या फाइबर सप्लीमेंट्स लेने से मिल सकता है।
स्टडी के नतीजों में सबसे कम फाइबर खाने वालों को डाइट में फाइबर की मात्रा ज़्यादा करते ही कई स्वास्थ्य लाभ मिलते देखे गए।
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इसके पीछे पेट में रहने वाले स्वस्थ बैक्टीरिया बताए गए, जो हर तरह के फाइबर को पचा लेते है और बदले में शार्ट-चेन फैटी एसिड (Short fatty chain acid) पैदा करते है।
इन फैटी एसिड की मदद से पेट और आंतों की बीमारियों सहित मोटापे में भी राहत मिलती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, हमारी आंतों में ब्यूटायरेट (Butyrate) नामक फैटी एसिड रोगाणुओं और सूजन को कम करने के अलावा खुशहाल, स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण में भी योगदान देता है।
विभिन्न तरह के फाइबर डाइट में शामिल करने से उत्पन्न ब्यूटायरेट जितना अधिक होगा, हमारा शरीर उतना ही निरोग रहेगा।
स्टडी में इनुलिन, डेक्सट्रिन, और गैलेक्टुलिगोसेकेराइड्स जैसे फर्मेंटेड फाइबर खाने वालों के आंत बैक्टीरिया को एक हफ्ते में ही असरदार होते पाया गया।
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विशेषकर बहुत कम फाइबर खाने वालों को उपरोक्त फाइबर सप्लीमेंट्स लेने से आंत में ब्यूटायरेट नामक फैटी एसिड की अधिकता देखने को मिली।
ऐसी स्वास्थ्यवर्धक स्थिति से उनमें मोटापा, कार्डियोवैस्कुलर डिजीज, पाचन तंत्र गड़बड़ी और कोलन कैंसर का ख़तरा कम होने का अंदेशा जताया गया।
हालांकि, विशेषज्ञों ने बिना फाइबर सप्लीमेंट के ही बीन्स, हरी पत्तेदार सब्जियों और खट्टे फलों के सेवन से ही आंत में स्वस्थ बैक्टीरिया भरने की सलाह भी दी।
यह स्टडी माइक्रोबायोम और द आईएसएमई जर्नल में प्रकाशित हुई थी।
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