Honey Benefits: चोट या घावों (Wounds) को ठीक करने में शहद (Honey) गुणकारी है, ऐसा यूके के वैज्ञानिकों का कहना है।
मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने शहद की गुणवत्ता बताने वाले 250 से अधिक लेखों की समीक्षा के बाद यह जानकारी दी है।
फार्मास्यूटिक्स पत्रिका में छपी उनकी स्टडी के अनुसार, शहद में रोगाणुरोधी (Antimicrobial) और बीमारी या अन्य कारणों से क्षतिग्रस्त हुए शरीर के टिश्यू की मरम्मत एवं बदलने की (Tissue-regenerative) अचूक क्षमता होती है।
इन क्षमताओं के देखते हुए वैज्ञानिकों ने शहद के औषधीय गुणों को अच्छे से पहचानकर निष्प्रभावी हो रही एंटीमाइक्रोबियल दवाओं के विकल्प में पेश करने की संभावना जताई है।
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दरअसल, प्राचीन काल से चिकित्सा में शहद का उपयोग जलन, चोट और पुराने घावों के इलाज में किया जाता रहा है।
ऐसा शहद में हाइड्रोजन पेरोक्साइड उत्पन्न करने की क्षमता और अन्य सक्रिय यौगिकों की उपस्थिति से संभव पाया गया है।
इसकी चिपचिपाहट घाव स्थल और बाहरी वातावरण के बीच एक प्रभावी अवरोध प्रदान करती है। साथ ही, शहद की रोगाणुरोधी गतिविधि में फंगस और वायरस को मारने या फैलने को धीमा करने की ताकत भी है।
हालांकि, घाव पर शहद से ड्रेसिंग करते समय कुछ चुनौतियां भी जानी गई है, जिनसे विषाणुओं पर इसका असर अप्रभावी हो सकता है।
ऐसे में यह समझने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है कि शहद के चिकित्सा संबंधी गुण कौन से है और कैसे काम करते हैं।
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यह जानकर उन्हें प्रभावी तथा सुरक्षित रूप से घावों तक पहुंचाया जा सकता है।
वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि एंटी बैक्टीरियल और शरीर के टिश्यू को ठीक करने वाली शहद के गुण आर्टिफिशियल रूप में दवाओं में भी इस्तेमाल हो सकते है।
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