Vitamin D and Colorectal Cancer: विटामिन डी कोलोरेक्टल कैंसर और इससे जुड़ी जटिलताओं की शुरुआत को रोकने में समर्थ है, ये बताया है एक नई स्टडी ने।
कोलोरेक्टल कैंसर बड़ी आंत (कोलन) या फिर रेक्टम में होता है। इसे आमतौर पर बड़ी आंत का कैंसर भी कहते है।
स्टडी करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तरह के कैंसर की रोकथाम के लिए युवाओं को विटामिन डी का अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए।
इसके लिए युवा वयस्कों को भोजन में विटामिन डी सप्लीमेंट की बजाए मछली, अंडे और दूध जैसे खाद्य स्रोतों को प्रमुखता देनी होगी, ताकि कैंसर के विकास को 50 प्रतिशत तक कम किया जा सके।
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गैस्ट्रोएंटरोलॉजी पत्रिका में ऑनलाइन प्रकाशित यह स्टडी करने वाले डाना-फार्बर कैंसर इंस्टीट्यूट, हार्वर्ड टी.एच.चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ और अन्य संस्थानों के वैज्ञानिक थे।
उन्होंने सलाह दी कि 50 वर्ष से कम उम्र वालों को कोलोरेक्टल कैंसर की रोकथाम के लिए अधिक विटामिन डी लेना चाहिए।
युवाओं में बढ़ते कोलोरेक्टल कैंसर खतरे के लिए मछली, मशरूम, अंडे और दूध के कम सेवन को जिम्मेदार बताया गया है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, विटामिन डी की कमी और कोलोरेक्टल कैंसर से होने वाली मौतों का खतरा लगातार बढ़ रहा है।
रोजाना 300 आईयू या उससे अधिक का विटामिन डी युवाओं में इस कैंसर की शुरुआत को लगभग 50 प्रतिशत तक कम कर सकता है। विटामिन डी की इतनी मात्रा के लिए रोजाना लगभग 750 मिलीलीटर दूध पीना पर्याप्त है।
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वैज्ञानिकों की यह स्टडी 25 से 42 वर्ष की 94,205 महिलाओं के आहार और जीवनशैली की जानकारी पर आधारित बताई गई है।
टीम ने उनके द्वारा कुल विटामिन डी सेवन और कोलोरेक्टल कैंसर होने के जोखिम का विश्लेषण किया।
पता चला कि उच्च कुल विटामिन डी सेवन शुरुआती कोलोरेक्टल कैंसर के खतरे में कमी से जुड़ा था। यही नहीं, 50 वर्ष की आयु से पहले होने वाले कोलन पॉलीप्स के जोखिम में कमी भी विटामिन डी लेने से संभव थी।
हालांकि, आहार में डेयरी उत्पादों से मिलने वाले विटामिन डी से ज्यादा फायदा पाया गया।
स्टडी के नतीजे, विटामिन डी के ज्यादा सेवन को युवाओं में अच्छे स्वास्थ्य और कोलोरेक्टल कैंसर की रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण बताते है।