Dietary fibre: एक नई स्टडी ने भोजन में फाइबर कम खाने से आंतों की बीमारियों में वृद्धि बताई है।
चीन के विशेषज्ञों की स्टडी में, कम फाइबर खाने से इन्फ्लेमेटरी बाउल रोग (Inflammatory bowel disease-IDB) का अधिक ख़तरा था।
लेकिन आहार में अधिक फाइबर खाने वालों को पाचन तंत्र की कम बीमारियां जानी गई।
इस बारे में सेंट्रल साउथ यूनिवर्सिटी ने एलिमेंटरी फार्माकोलॉजी एंड थेरेप्यूटिक्स जर्नल में बताया था।
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बता दें कि इन्फ्लेमेटरी बाउल रोग दो समस्याओं का सूचक है – क्रोहन रोग और अल्सरेटिव कोलाइटिस।
ये दोनों विकार आंतों में दर्द और सूजन पैदा करके पाचन तंत्र को बुरी तरह प्रभावित करते हैं।
अधिक जानकारी यूके बायोबैंक से प्राप्त 470,669 पुरुषों और महिलाओं की स्वास्थ्य जाँच से मिली।
विशेषज्ञों को 12 वर्षों तक उनकी निगरानी के दौरान इन्फ्लेमेटरी बाउल रोग के 1473 मामले ज्ञात हुए।
उनमें से क्रोहन रोग के 543 तथा अल्सरेटिव कोलाइटिस के 939 मामले सामने आए।
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अधिक फाइबर सेवन से इन्फ्लेमेटरी बाउल और क्रोहन रोग के जोखिम में कमी की संभावना थी।
हालाँकि, अल्सरेटिव कोलाइटिस पर फाइबर कम या ज़्यादा खाने से कोई असर नहीं देखा गया।
फलों व ब्रेड के फाइबर से क्रोहन रोग में कमी, जबकि अनाज फाइबर ने अल्सरेटिव कोलाइटिस का खतरा घटाया।
गौरतलब है कि महिलाओं को रोज़ाना 21 से 25 ग्राम एवं पुरुषों को 30 से 38 ग्राम फाइबर खाने की सलाह है।
नई स्टडी के नतीजों ने भी भोजन में फाइबर सेवन बढ़ाने वाली सिफारिशों का समर्थन किया है।
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