यूएस वैज्ञानिकों ने सोयाबीन के तेल (Soybean oil) का सेवन आंतों के लिए हानिकारक बताया है।
चूहों पर हुई रिसर्च में ज़्यादा सोयाबीन तेल खाने से आंत में बैक्टीरिया (Gut microbiome) असंतुलन मिला है।
लाभकारी बैक्टीरिया में कमी और हानिकारक बैक्टीरिया में वृद्धि से कोलाइटिस (Ulcerative colitis) की शंका है।
आंतों में सूजन की समस्या को ‘कोलाइटिस’ या अल्सरेटिव कोलाइटिस कहा जाता है।
- Advertisement -
कई स्टडीज़ ने सोयाबीन तेल से मोटापा, डायबिटीज, डिप्रेशन, अल्जाइमर जैसे रोग भी बताए है।
अब इस बढ़ती हुई सूची में अल्सरेटिव कोलाइटिस रोग होने का ख़तरा भी जुड़ गया है।
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी रिवरसाइड के वैज्ञानिकों ने चूहों को 24 हफ़्तों तक सोयाबीन तेल से भरपूर खाना दिया था।
आहार प्राप्त चूहों की आंत में हानिकारक बैक्टीरिया ई कोलाई (E.coli) की मात्रा में वृद्धि पाई गई।
E.coli बैक्टीरिया की अधिकता से इंसानों के पेट में मरोड़ और दस्त जैसे लक्षण पैदा होते हैं।
- Advertisement -
लक्षणों के लिए सोयाबीन तेल में मौजूद लिनोलिक एसिड (Linoleic acid) की ज़्यादा मात्रा दोषी मानी गई है।
अत्यधिक लिनोलिक एसिड आंत माइक्रोबायोम को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
E.coli बैक्टीरिया अपनी पोषण संबंधी ज़रुरतें लिनोलिक एसिड के उपयोग से पूरी करता है।
आंत में मौजूद कई लाभकारी बैक्टीरिया लिनोलिक एसिड का सामना नहीं कर पाने से मर जाते हैं।
परिणामस्वरूप, रोगजनक हानिकारक बैक्टीरिया की संख्या में वृद्धि होने लगती है।
ग़ौरतलब है कि सोयाबीन तेल दुनिया में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला खाद्य तेल है।
सोयाबीन के समान ही मकई तेल (Corn oil) में भी लिनोलिक एसिड ज़्यादा होने से नुकसान कहा गया है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, अभी तक पौधों से प्राप्त अनसैचुरेटेड फैट के मुकाबले सैचुरेटेड फैट से ही ज़्यादा बीमारियां मानी जाती थी।
लेकिन ताज़ा जानकारी के बाद अत्यधिक लिनोलिक एसिड से बचने के लिए सोयाबीन तेल में कमी की सलाह हैं।
इस बारे में विस्तारपूर्वक जांनने के लिए गट माइक्रोब्स जर्नल में छपी रिपोर्ट पढ़ी जा सकती है।
Also Read: अच्छी सेहत के लिए आंत के बैक्टीरिया को दीजिए ऐसा भोजन