Caffeine for weight loss: कैफीन के सेवन से मेटाबॉलिज़्म तेज होना, फैट घटना और भूख कम लगना संभव माना जाता है।
अब इंटरनेशनल हेल्थ एक्सपर्ट्स की एक नई स्टडी ने इस धारणा को और मजबूती दी है।
उनकी स्टडी ने खून में कैफीन की अधिकता को किसी इंसान के बॉडी फैट (Body fat) की मात्रा और टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) में कमी से जुड़ा पाया है।
यूके, स्वीडन और डेनमार्क की स्वास्थ्य संस्थाओं के एक्सपर्ट्स द्वारा की गई स्टडी के नतीजे बीएमजे मेडिसिन में प्रकाशित हुए है।
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निष्कर्षों के बाद, एक्सपर्ट्स ने मोटापे और डायबिटीज के खतरे को घटाने में कैलोरी-फ्री कैफीन ड्रिंक्स की भूमिका महत्वपूर्ण मानी है।
पहले हुई स्टडीज़ में रोजाना 3 से 5 कप कॉफ़ी पीने से डायबिटीज और हृदय रोग का खतरा कम होता जाना गया था।
लेकिन कॉफ़ी के अलावा कई ड्रिंक्स और फ़ूड प्रोडक्ट्स से भी कैफीन मिलती है जिनका अधिक सेवन सेहत को नुकसान पंहुचा सकता है।
इसलिए सावधानी बरतते हुए एक्सपर्ट्स टीम ने वर्तमान स्टडी में मेंडेलियन रेंडमाइजेशन तकनीक का उपयोग किया था।
इस तकनीक में किसी विशेष ख़तरे या असर को जानने के लिए इंसानों के अनुवांशिक रूपों (genetic variants) का उपयोग किया जाता है।
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उन्होंने मुख्य रूप से यूरोपीय वंश के लगभग 10,000 लोगों में CYP1A2 और AHR जीन वैरिएंट्स की भूमिका को जांचा।
बता दें कि CYP1A2 और AHR जीन शरीर में कैफीन के पचने की गति से जुड़े होते हैं।
ऐसे जीन वालों में कैफीन धीरे-धीरे पचती है। नतीजन, उनके खून में कम कॉफ़ी पीने के बावजूद कैफीन का स्तर उच्च होता है।
इन्हीं लोगों में कैफीन के प्रभाव से शरीर का वज़न और फैट कम होने सहित टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम घटा हुआ था।
इसके अलावा, आनुवंशिक रूप से अनुमानित कैफीन की अधिकता वालों को कार्डियोवैस्कुलर बीमारी होने का भी कोई ख़तरा नहीं था।
जेनेटिक वैरिएंट्स को देखते हुए एक्सपर्ट्स ने अन्य आबादी पर कैफीन के लाभ जानने के लिए अधिक रिसर्च कही है।
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