Junk foods affect mental well-being: एक नए अध्ययन में स्वस्थ आहार को बेहतर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य से सीधा जुड़ा हुआ पाया गया है।
ऑस्ट्रेलिया में हुए इस अध्ययन ने बच्चों सहित परिवार के सदस्यों को भी जंक फूड से सावधान रहने और अधिक मात्रा में फलो, सब्जियों तथा फाइबर युक्त अनाज खाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है।
मेलबर्न स्थित मर्डोक चिल्ड्रन रिसर्च इंस्टीट्यूट के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने 1700 से अधिक ऑस्ट्रेलियाई बच्चों और उनके माता-पिता में बीमारियां पैदा करने वाले आहार और मानसिक स्वास्थ्य के बीच संबंध की जांच की।
उन्होंने जंक फूड, ज्यादा मीठे और नमक मिले चिकनाई युक्त खाद्य वस्तुओं को शरीर में बीमारियों के लिए जिम्मेवार सूजन पैदा करने वाला बताया है।
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ऐसा खाना शारीरिक स्वास्थ्य को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। लेकिन अध्ययन में इस तरह के आहार और खून में मौजूद बीमारी पैदा करने वाले एक लक्षण का मानसिक स्वास्थ्य से भी संबंध पाया गया है।
ब्रिटिश जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित शोध में 11 से 12 साल के बच्चों में अत्यधिक जंक फूड और बाहर का खाना खराब मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा मिला। ऐसा दुष्प्रभाव उनके माता-पिता में भी समान रूप से हावी था।
अध्ययन में कम सूजन और सम्पूर्ण स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालने वाले फलों, सब्जियों और साबुत अनाज से जुड़े लाभों पर भी ध्यान दिए गया।
शोधकर्ताओं ने जीवन की शुरुआत में ही बीमारियां लाने वाले आहार को तत्काल कम करने का आह्वान किया है।
उनके मुताबिक, ज्यादा चीनी, चिकनाई और नमक युक्त आहार एवं खराब मानसिक स्वास्थ्य वर्तमान समाज की दो प्रमुख चिंताएं है।