स्ट्रोक और दिल के दौरे से बचे मरीज ग्रीन टी (green tea) और कॉफी (coffee) का सेवन करके मौत के खतरे को कम कर सकते है।
अमेरिकी स्ट्रोक एसोसिएशन की एक पत्रिका में प्रकाशित इस नए शोध के अनुसार, ग्रीन टी और कॉफी पीने से इन बीमारियों से बचे मरीजों के साथ-साथ स्वस्थ व्यक्तियों को भी दिल के दौरे या स्ट्रोक से बचाया जा सकता है।
पिछली रिसर्च ने बिना हृदय रोग या कैंसर वाले मनुष्यों की सेहत पर ग्रीन टी और कॉफी के लाभों की जांच की है।
इस बार शोधकर्ताओं ने स्ट्रोक या दिल के दौरे से बचने के बाद ग्रीन टी और कॉफी के सेवन से होने वाले प्रभावों को देखा।
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इसके लिए उन्होंने जापान के 40 से 79 साल के 46,000 से अधिक प्रतिभागियो के आंकड़ों का विश्लेषण किया। इसमें ज्यादातर (लगभग 60 प्रतिशत) महिलाएं थी।
शोधकर्ताओं ने उनके द्वारा पी जाने वाली ग्रीन टी और कॉफी की मात्रा और आवृत्ति का विश्लेषण किया।
विश्लेषण के निष्कर्ष इस प्रकार थे:
- स्ट्रोक से बचे लोगों ने रोजाना कम से कम सात कप ग्रीन टी का सेवन किया, जिससे उनकी मृत्यु दर लगभग 62 प्रतिशत तक कम हो गई।
- हार्ट अटैक से बचे लोगों ने एक दिन में एक कप कॉफी पीकर अपनी मौत के खतरे को लगभग 22 प्रतिशत तक कम किया।
- सप्ताह में एक या अधिक कप कॉफी पीने वाले बिना स्ट्रोक या हार्ट अटैक हुए लोगों में, कॉफी न पीने वालों की तुलना में, मृत्यु का खतरा लगभग 14 प्रतिशत कम था।
- खोजकर्ताओं ने देखा कि ग्रीन टी ने दिल के दौरे से बचे लोगों में आगे होने वाली हृदय संबंधी घटनाओं को और कॉफी ने स्वस्थ व्यक्तियों में ऐसी बीमारियों को होने से रोका।
गौतलब है कि जापानी संस्कृति में ग्रीन टी आमतौर पर पानी और बिना चीनी के लेकिन कॉफी, पानी और कभी-कभी दूध और चीनी के साथ तैयार की जाती है। वैसे इन्हें तैयार करने का स्वस्थ तरीका बिना ज्यादा शक्कर डाले ही है।
लेकिन शोधकर्ता कहते है कि सिर्फ ग्रीन टी और कॉफी पीने से ही हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कम नहीं होता है।