High fat dairy food: स्वस्थ भोजन में हाई फैट युक्त डेयरी फ़ूड को शामिल न करना एक गलत सलाह है।
यह कहना है सभी महाद्वीपों के 80 देशों में की गई एक विशाल स्टडी के नतीजों का।
नतीजों में रेड मीट छोड़ने व साबुत अनाज के सेवन की अनिवार्यता पर भी संदेह जताया गया है।
यह नई स्टडी यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी की पत्रिका यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित हुई है।
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स्टडी में यूएस व कनाडा के विशेषज्ञों ने कई रोगों व असमय मौत रोकने वाले आहार का विश्लेषण किया है।
ऐसे आहार में फल, सब्जियां, फुल फैट डेयरी, नट्स, फलियां और मछली पर ज़्यादा ज़ोर दिया गया है।
हालाँकि, ताजे लाल मांस या साबुत अनाज को शामिल करने से परिणामों पर बहुत कम प्रभाव दिखा है।
विशेषज्ञों ने स्वस्थ जीवन के लिए नट्स, मछली व फैट युक्त डेयरी (दो सर्विंग्स रोज़ाना) खाने की सलाह दी है।
उनके अनुसार, संपूर्ण फैट से बने डेयरी फ़ूड हाई बीपी और मेटाबॉलिक सिंड्रोम से बचा सकते है।
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लेकिन स्वस्थ दिल के लिए बाज़ार में मिलने वाले मक्खन और क्रीम के सेवन से परहेज कहा गया है।
स्टडी में छह खाद्य पदार्थों के आहार को रोगों से मुक्त रखने और लंबे जीवनकाल से जोड़ा गया है।
जीवनरक्षक आहार में हर दिन फलों, सब्जियों और फुल फैट डेयरी की 2 से 3 सर्विंग ज़रूरी कही गई है।
इसके अलावा, प्रति सप्ताह मछली, फलियों और नट्स की क्रमश: 2-3, 3-4, और 7 सर्विंग कही गई है।
ऐसा भोजन खाने से मृत्यु दर, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हार्ट फेलियर आदि का ख़तरा घटता हुआ मिला है।
10 वर्षों की छानबीन में, विभिन्न देशों के लाखों निवासियों के जीवन पर उनके आहार का प्रभाव जाना गया।
स्वस्थ आहार खाने से मौत, हार्ट अटैक, स्ट्रोक व सीवीडी का खतरा क्रमश 30%,14%,19% और 18% कम था।
इसके विपरीत, ज़्यादा रिफाइंड फ़ूड, कम स्वस्थ आहार और अधिक कैलोरी खाने से बीमारियों में वृद्धि भी जानी गई।