कोको पीने से मानसिक तनाव के समय दिल पर कम बुरा असर पड़ता है, ऐसा ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने अपनी हालिया खोज में बताया।
मानसिक तनाव से रक्त वाहिका के कार्य (blood vessel function) पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है, लेकिन कोको से बना पेय (drink) ऐसे खराब असर को कम करने में सक्षम था।
वैज्ञानिकों ने इसके पीछे फल और सब्जियों में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले औषधीय गुणों से भरे फ्लेवोनोल्स (flavonols) को महत्वपूर्ण माना, जो मानसिक तनाव से प्रेरित हृदय विकारों से बचा सकता है।
बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक दल द्वारा तनाव से होने वाले शारीरिक परिवर्तनों पर कोको फ्लेवानोल्स के प्रभाव वाला अध्ययन न्यूट्रिएंट्स पत्रिका में प्रकाशित हुआ।
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उनकी खोज के मुताबिक, मानसिक तनाव के बाद एंडोथेलियल फंक्शन (endothelial function) में हुई अस्थायी गड़बड़ी को कम करने और रक्त के प्रवाह में सुधार करने के लिए फ्लवानोल युक्त कोको पीना एक कारगर तरीका हो सकता है।
आपको बता दें कि एंडोथेलियम (endothelium) हृदय और रक्त वाहिकाओं को जोड़ने वाली एक पतली झिल्ली होती है।
अध्ययन में स्वस्थ पुरुषों के एक समूह ने आठ मिनट के मानसिक तनाव से जुड़े एक कार्य को पूरा करने से 90 मिनट पहले एक ज्यादा फ्लेवनॉल वाला कोको ड्रिंक पीया।
पीने के बाद प्रतिभागियों की रक्त वाहिका (blood vessel) क्षमता कम बिगड़ी। यही नहीं, फ्लेवनॉल्स से तनाव के दौरान रक्त के प्रवाह में सुधार भी हुआ।
मानसिक तनाव हृदय गति और रक्तचाप (बीपी) में तत्काल वृद्धि करता है। तनाव वाली घटना बीतने के बाद भी धमनियों (arteries) के कार्य में अस्थायी गड़बड़ी रहती है।
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इसलिए वैज्ञानिकों ने फ़्लेवनॉल्स से भरपूर खाद्य पदार्थों जैसे सेब, काले अंगूर, ब्लैकबेरी, चेरी, रसभरी, नाशपाती, दालें, ग्रीन टी और अनप्रोसेस्ड कोको के सेवन द्वारा रक्त वाहिकाओं को मानसिक तनाव के प्रभाव से बचाने की सलाह दी।