ओमेगा-3 सप्लीमेंट दिल के मरीजों में कोलेस्टेरॉल घटाने के लिए अच्छा माना जाता है।
लेकिन इसके लेने से खून में चर्बी की अधिकता (high blood lipids) वालों के दिल की धड़कन अनियमित (Atrial Fibrillation) होने की संभावना बढ़ जाती है।
यूरोपियन सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी (ईएससी) की एक पत्रिका में प्रकाशित नए अध्ययन में ऐसा कहा गया है।
दिल की धड़कनों का अनियमित होना आमतौर पर खराब रक्त प्रवाह का कारण बनता है। इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ जाता है।
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कुछ अध्ययनों ने तो ऐसे विकार वाले लोगों में स्ट्रोक होने की संभावना पांच गुना अधिक बताई है।
मछली के तेल (Fish Oil) में मिलने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड से दिल पर ऐसा उलटा असर देखने के लिए विशेषज्ञों ने कुछ अध्ययनों का विश्लेषण किया।
इनमें प्रतिभागियों का ट्राइग्लिसराइड्स (Triglycerides) अधिक था और उन्हें या तो हृदय रोग होने का जोखिम था या पहले ही हृदय रोग से ग्रस्त थे।
कुल 50,277 रोगियों को हर रोज 0.84 ग्राम से लेकर 4 ग्राम तक मछली का तेल या इसके बिना रखा गया और उनकी दो से आठ वर्षों तक निगरानी की गई।
विशेषज्ञों ने मछली के तेल से मिलने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड के सप्लीमेंट लेने वालों में दिल की धड़कन तेज होने का खतरा ज्यादा देखा।
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अध्ययन से पता चला कि हालांकि मछली के तेल को दिल के लिए लाभकारी बताया गया है, लेकिन इसे लेते समय अनियमित तेज हृदय गति के खतरे को भी ध्यान में रखना चाहिए।