मछली के तेल (Fish oil) को दिल और दिमाग के लिए लाभकारी बताने वाली एक स्टडी हाल ही में प्रकाशित हुई है।
स्टडी के नतीजे मछली के तेल में पाए जाने वाले दो ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega -3 fatty acids) को दिल की बीमारी से ग्रस्त इंसानों की मानसिक कुशलता बेहतर बनाए रखने में सहायक बताते है।
इस जानकारी के लिए रिसर्चर्स ने कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary artery disease-CAD) यानी दिल की नसों में प्लाक जमने से हुई बीमारी के कारण दिमागी कार्यों में गिरावट का अनुभव करने वाले बुजुर्गों का सहारा लिया है।
पिछले अध्ययनों से पता चला है कि सीएडी वाले लोगों में संज्ञानात्मक गिरावट का जोखिम 45 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।
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सप्लीमेंट के रुप में दिए गए डीएचए (DHA) और ईपीए (EPA) ओमेगा-3 फैटी एसिड से उन बुजुर्गों के दिलो-दिमाग में सुधार होते देखा गया है।
मस्तिष्क की कार्य कुशलता में बड़ा सुधार खून में ईपीए की अपेक्षा डीएचए स्तर बढ़ने से ज्यादा पाया गया। स्टडी से पता चला है कि ईपीए तभी फायदेमंद होता है जब डीएचए का स्तर खून में पहले से ही ज्यादा हो।
स्टडी में सीएडी वाले 63 साल के 291 वयस्क शामिल थे, जिनमें ज्यादातर पुरुष थे। उन्हें संयुक्त रूप से 3.36 ग्राम ईपीए और डीएचए सप्लीमेंट दिया गया, जिससे उनके दिमागी कार्यों में सुधार देखने को मिला।
विशेषज्ञों का कहना था कि कोई भी व्यक्ति डॉक्टर की सलाह अनुसार सोचने, समझने और याददाश्त सुधारने के लिए तैलीय मछली के सप्लीमेंट ले सकता है। ऐसे सप्लीमेंट में ईपीए और डीएचए की उचित मात्रा होनी चाहिए।
उनके मुताबिक, स्टडी में प्रयुक्त ओमेगा -3 फैटी एसिड का लाभकारी स्तर केवल मछली खाने से प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
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ये निष्कर्ष अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के वैज्ञानिक सत्रों में प्रस्तुत किए जाएंगे।
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