Health benefits of fermented food: बीमारियों को कम करना हो तो फर्मेंटेड फूड खाइए, ये कहना है एक स्टडी का।
स्टडी करने वाले स्टैनफोर्ड स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं को पता चला है कि दही, पनीर, कोम्बुचा चाय और किमची जैसे फर्मेंटेड फूड आंत में मौजूद अति सूक्ष्म जीवों (Gut microbes) की विभिन्न प्रजातियां विकसित करने में सहायक है।
यही नहीं, 36 मनुष्यों को 10 हफ़्तों तक ऐसे भोजन की ज्यादा मात्रा देने से उनके इम्यून सिस्टम में भी सुधार होते देखा गया।
इसके अलावा, ज्यादा फाइबर वाला भोजन (High fiber food) खाने से भी आंत माइक्रोबायोम (Gut microbiome) और इम्यून सिस्टम पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। लेकिन यह प्रभाव फेर्मेंटेड फूड से अलग था।
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स्टडी के नतीजे इस धारणा की पुष्टि करते है कि आहार में साधारण परिवर्तन करने से आंत के बैक्टीरिया पर असर पड़ता है।
इसमें शामिल लोगों के ब्लड सैंपल की जांच से बीमारी करने वाले 19 प्रोटीनों के स्तर में कमी पाई गई। इनमें से एक प्रोटीन गठिया, टाइप 2 डायबिटीज और तनाव पैदा करने में सक्षम था।
इसके विपरीत, फलियां, बीज, साबुत अनाज, नटस, सब्जियां और फलों से भरपूर उच्च फाइबर आहार खाने वालों में बीमारी करने वाले इन 19 प्रोटीनों में से कोई भी कम नहीं हुआ। इसके अलावा, आंत के बैक्टीरिया की विविधता भी स्थिर रही।
इस पर विशेषज्ञों ने थोड़े समय के लिए अकेले फाइबर खाने से माइक्रोबायोटा विविधता का बढ़ना अपर्याप्त बताया।
दरअसल हमारे आहार से ही आँतों के माइक्रोबायोम में बढ़ोतरी होती है। इससे इम्यून सिस्टम और सेहत में सुधार होता है। कम माइक्रोबायोम विविधता को मोटापे और डायबिटीज के लिए जिम्मेदार माना गया है।
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माना जाता है कि उच्च फाइबर आहार मृत्यु दर की कमी से जुड़ा हुआ है, जबकि फेर्मेंटेड फूड खाने से वजन घटाने सहित डायबिटीज, कैंसर और दिल की बीमारियों का जोखिम कम होता है।
लेकिन स्टडी से विशेषज्ञों को समझ आया कि केवल फाइबर युक्त आहार से ही स्वास्थ्य लाभ नहीं मिलते, बल्कि फेर्मेंटेड फूड खाने से विभिन्न बैक्टीरिया का आंत में विकास होना भी जरूरी है।
फाइबर खाने वाले ऐसे बैक्टीरिया आने से भोजन पचाने की क्षमता बढ़ती है और साथ ही कई बीमारियों की रोकथाम भी होती है।
इस स्टडी को सेल पत्रिका में प्रकाशित किया गया था।
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