अखरोट (walnut) खाने से दुनिया की आधी से अधिक आबादी के पेट को नुकसान पहुंचाने वाले एक हानिकारक बैक्टीरिया के संक्रमण को रोका जा सकता है।
चूहों पर हुए एक प्रयोगशाला अध्ययन में देखा गया है कि हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (Helicobacter pylori) बैक्टीरिया द्वारा फैलाया संक्रमण पेट और छोटी आंत में अल्सर करने के साथ-साथ पेट के कैंसर और पेप्टिक अल्सर रोग का एक प्रमुख कारण है।
जर्नल ऑफ क्लिनिकल बायोकैमिस्ट्री एंड न्यूट्रीशन में प्रकाशित इस शोध में कहा गया है कि साबुत अखरोट से बना अर्क ऐसे सुरक्षात्मक प्रोटीन और एंटी-इंफ्लेमेटरी क्रियाएं पैदा करने में मदद कर सकता है जो इस संक्रमण और इससे चूहों में हुए कैंसर से बचाव कर सकता है।
शोध में दक्षिण कोरिया में स्थित सीएचए कैंसर रोकथाम अनुसंधान केंद्र के शोधकर्ताओं ने उल्लेख किया है कि एच. पाइलोरी की व्यापकता विकासशील देशों जैसे थाईलैंड, मेक्सिको, फिलीपीन्स, तुर्की में सबसे आम है।
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उनके मुताबिक, यह बैक्टीरिया जनित संक्रमण आमतौर पर स्वच्छता से संबंधित है और व्यक्ति से व्यक्ति के संपर्क में या यहां तक कि भोजन और पानी के माध्यम से भी फैल सकता है।
हालांकि इसका वर्तमान में उपचार उपलब्ध है लेकिन एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति बैक्टीरिया का बढ़ता प्रतिरोध चिंता का विषय है।
एंटीबायोटिक प्रतिरोध से जुड़ी बढ़ती चुनौतियों के कारण, शोधकर्ता अब इस बैक्टीरिया के संक्रमण को रोकने के लिए आहार और अन्य नॉन-बैक्टीरियल समाधान को खोज रहे है।
अखरोट (walnut) के गुणकारी फायदे
शोधकर्ताओं ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब अखरोट सेवन को चूहों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर के विकास के कम खतरे से जोड़ा गया है।
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इससे पहले भी जर्नल कैंसर प्रिवेंशन रिसर्च में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया था कि अखरोट खाने से गट बैक्टीरिया को संशोधित करके कोलन ट्यूमर के विकास को कम किया जा सकता है।
वही न्यूट्रिएंट्स पत्रिका के एक अध्ययन ने बताया था कि अखरोट कैंसर कोशिकाओं के विकास में सहायक नई रक्त वाहिकाओं के बनने का अवरोध कर कोलोरेक्टल कैंसर बढ़ने को रोक सकता है।
जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन के मुताबिक तो अखरोट में मौजूद फैटी एसिड, फाइबर और बायोएक्टिव कंपाउंड इसे पेट के साथ-साथ दिल के लिए भी एक अच्छा आहार बनाते है।