Vegetables consumption and cardiovascular disease: सब्जियां खाने से दिल की बीमारियों और मौत का खतरा कम नहीं हो सकता, ये चौकाने वाला खुलासा किया है एक विशाल अध्ययन ने।
अध्ययन से जुड़े अंतराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के दल का कहना था कि पिछले अध्ययनों ने भोजन में सब्जियों के सेवन के अलावा सामाजिक-आर्थिक और जीवनशैली से जुड़े अन्य पहलुओं का सही से विश्लेषण नहीं किया है।
अभी तक, कई तरह की बीमारियों से बचने वाले एक संतुलित आहार में अधिक सब्जियों के सेवन की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है। ऐसा सब्जियों में मौजूद विभिन्न एंटीऑक्सीडेंट्स से संभव बताया गया है।
लेकिन, फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन में प्रकाशित बड़े पैमाने पर हुए इस नए अध्ययन के परिणाम बताते है कि केवल सब्जियों के अधिक सेवन से कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular disease -CVD) के जोखिम को प्रभावित करना संभव नहीं है।
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यह अध्ययन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी और हांगकांग की चाइनीज़ यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है।
उन्होंने यूके बायोबैंक के तीन लाख से अधिक वयस्कों के हेल्थ रिकॉर्ड का उपयोग करके सीवीडी जोखिम के साथ सब्जियों के सेवन और अन्य लाइफस्टाइल पहलुओं का आकलन किया है।
अध्ययन में 12 वर्षों तक सभी मनुष्यों की जांच के बाद पांच फीसदी में हार्ट अटैक, स्ट्रोक या अन्य कार्डियोवैस्कुलर बीमारियां देखने को मिली।
जांच में पाया गया कि सबसे कम सब्जियों के सेवन की तुलना में सबसे अधिक सब्जियां खाने वालों को सीवीडी से मरने का जोखिम लगभग 15 फीसदी कम था।
हालांकि, यह प्रभाव उनकी सामाजिक-आर्थिक, पोषण और स्वास्थ्य दवाओं की जानकारी मिलने के बाद काफी हद तक कमजोर हो गया।
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ऐसी जानकारियों में उनके रहने का स्थान, लाइफस्टाइल, फिजिकल एक्टिविटी, अनुवांशिकी, अन्य स्वास्थ्य समस्याएं आदि शामिल थी।
इन कारणों को जानने के बाद सीवीडी पर सब्जियों के सेवन का अनुमानित सुरक्षात्मक प्रभाव 80 फीसदी से भी ज्यादा कम हो गया।
हालांकि, वैज्ञानिकों की सलाह थी कि संतुलित आहार और वजन नियंत्रण अच्छे स्वास्थ्य और कुछ कैंसर सहित बड़ी बीमारियों के जोखिम को कम करने के लिए ज़रूरी है। हर दिन विभिन्न प्रकार के फलों और सब्जियों के कम से कम पांच हिस्से खाना आवश्यक है।