दूध (Milk) में मौजूद फैट को कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) बढ़ाकर दिल की बीमारियां करने वाला माना जाता रहा है।
लेकिन 20 लाख इंसानों पर हुई एक हालिया स्टडी से पता चला है कि प्रतिदिन ज्यादा दूध पीने (High Milk Intake) से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर नहीं बढ़ता।
स्टडी में इंग्लैंड की रीडिंग यूनिवर्सिटी, साउथ ऑस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन और यूनिवर्सिटी ऑफ ऑकलैंड के विशेषज्ञों की टीम ने एक साथ हिस्सा लिया था।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ओबेसिटी में प्रकाशित उनकी यह स्टडी तीन बड़े जनसंख्या अध्ययनों पर आधारित थी।
- Advertisement -
विशेषज्ञों ने देखा कि जो लोग नियमित रूप से ज्यादा दूध पीते थे, उनमें अच्छे और बुरे दोनों तरह के कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम था।
हालांकि, उनका बीएमआई (BMI) दूध न पीने वालों की तुलना में अधिक था।
आगे के विश्लेषणों से पता चला कि दूध पीने वालों में कोरोनरी हृदय रोग (Coronary Heart Disease) का जोखिम भी 14 फीसदी कम था।
विशेषज्ञों के अनुसार, दूध में मौजूद लैक्टोज (Lactose) शुगर को सही से हजम कर पाने से ये फायदे हुए थे। लेकिन इसमें ज्यादा दूध पीने वालों की आनुवंशिक (Genetic) भिन्नता सहायक थी, जिससे वो लैक्टोज को पचा सकते थे।
आपको बता दें कि जिन इंसानों को लैक्टोज नहीं पचती, उन्हें दूध पीने और इससे बनी चीजों को खाने से दस्त, गैस और अन्य पेट संबंधी समस्याएं हो जाती है। दूध से अधिकतम लाभ लेने के लिए इस शुगर का सही पाचन जरूरी है।
- Advertisement -
विशेषज्ञों ने आनुवंशिक भिन्नता वाले इंसानों को ही ज्यादा दूध पीने वाला पाया।
उनका वजन और चर्बी का स्तर भले ही बढ़ा हुआ था, लेकिन खून में दोनों तरह के कोलेस्ट्रॉल निम्न स्तर पर थे। फलस्वरूप, दिल की कोई बीमारी होने की संभावना कम थी।
इसलिए टीम का अनुमान था कि दिल की बीमारियां रोकने के लिए दूध पीने से बचना जरूरी नहीं।
पिछले कई अध्ययनों ने डेयरी उत्पादों के सेवन से मोटापा और डायबिटीज होने की आशंका जताई थी।
इसकी जांच के लिए टीम ने 20 लाख इंसानों के सेहत संबंधी आकंड़ो का गहन विश्लेषण किया और भ्रम से बचने के लिए आनुवंशिक भिन्नता के दृष्टिकोण का उपयोग किया।
हालांकि, कुछ आंकड़ों से पता चला कि आनुवंशिक भिन्नता वाले लोगों में टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम 11 फीसदी कम था, तो भी स्टडी में अधिक दूध पीने से डायबिटीज बढ़ने की संभावना पर कुछ सुझाव नहीं दिया गया।
वैसे दूध से मिलने वाले शारीरिक लाभों के पीछे इसका फैट है या अन्य कारण, इस बारे में विशेषज्ञों को कोई प्रमाण नहीं मिला।
Also Read: कोरोना संक्रमण से बचने के लिए वजन और कोलेस्ट्रॉल घटाएं