एक दिन में पांच कप से अधिक कप चाय (tea) पीने से 85 साल के बुजुर्गों का ध्यान बेहतर और दिमाग स्वस्थ रहता है।
न्यूकैसल विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में यह चौकाने वाली बात सामने आयी है।
शोधकर्ताओं ने इस शोध के लिए 85 साल से अधिक उम्र के लोगों की चाय पीने की आदतों का अध्ययन किया।
उन्होंने पाया कि जिन लोगों ने एक दिन में दूध या बिना दूध से बनी पांच कप से अधिक चाय पी थी, उन बुजुर्गों ने दिमाग की कुशलता से जुड़े कुछ परीक्षणों में बेहतर प्रदर्शन किया।
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इस बारे में प्रमुख अध्ययनकर्ता डॉ एडवर्ड ओकेलो का कहना था कि इन बुजुर्गों की ऐसी कुशलता चाय में मौजूद यौगिकों के कारण हो सकती है। “यह चाय बनाने या एक कप चाय पीते हुए आपस में बातचीत करने की वजह से भी हो सकता है।”
मस्तिष्क की कुशलता से जुड़े परीक्षणों में दैनिक गतिविधियों जैसे एक पहेली को पूरा करने, सिलाई करने या कार चलाने में बेहतर सटीकता और तेजी से प्रतिक्रिया करना शामिल थी।
शोध में न्यूकैसल और नॉर्थ टाइनसाइड के 85 साल के एक हजार बुजुर्ग शामिल थे। मजे की बात यह है कि साल 2006 में शुरू हुए यह अध्ययन लगभग 200 ऐसे बुजुर्ग प्रतिभागियों के साथ आज भी जारी है जो 100 साल के हो गए है।
इस शोध के लिए नियुक्त की गयी नर्सों ने बुजुर्ग प्रतिभागियों के घर-घर जाकर उनकी सेहत और खाने-पीने की जानकारी एकत्र की।
इन सभी बुजुर्गों द्वारा पी जाने वाली कैमेलिया साइनेंसिस पौधे से बनी ब्लैक टी (black tea) की जांच करते हुए शोधकर्ता इस बात के प्रमाण की तलाश में थे कि कैसे यह स्मृति हानि से बचाती है।
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उन्होंने पाया कि ज्यादा चाय पीना काफी बेहतर ध्यान और बेहतर मस्तिष्क एवं चाल-ढाल संबंधी साइकोमोटर कौशल से जुड़ा था।
शोधकर्ताओं का मानना है कि इन निष्कर्षों के आधार पर बुजुर्गों को अपने ध्यान, समझ-बूझ और शारीरिक गतिविधि को बनाए रखने के लिए किसी भी तरह के आहार में काली चाय लेने के बारे में सोचना चाहिए।
चाय (Tea) से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
पानी के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा कैमेलिया सिनेंसिस पौधे की पत्तियों से बनी चाय पी जाती है।
काली चाय सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली चाय है जो विश्व की खपत का 76-78 प्रतिशत है।
तुर्की और आयरलैंड के बाद प्रति व्यक्ति चाय की खपत के लिए ब्रिटेन को दुनिया में तीसरा स्थान दिया गया है।