COVID-19 महामारी के फैलने के बाद से कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने या लक्षणों को कम करने वाली हेल्दी डाइट (healthy diet) और डाइटरी सप्लीमेंट्स (dietary supplements) से जुडी सलाह ने सोशल और अन्य मीडिया में बाढ़ ला दी है।
हाल ही में, यूनाइटेड किंगडम, स्वीडन और संयुक्त राज्य अमेरिका के शोधकर्ताओं ने सर्वेक्षण कर पिछले कुछ महीनों में कोरोना महामारी में इंसानो द्वारा इस्तेमाल डाइटरी सप्लीमेंट्स का एक अध्ययन किया।
यह ऐप-आधारित कम्युनिटी सर्वे medRxiv*, एक इंटरनेट साइट जो स्वास्थ्य विज्ञान संबंधित ईप्रिंट्स वितरित करती है, में जारी किया गया था।
डाइटरी सप्लीमेंट्स (dietary supplements) और इम्यून सिस्टम (immune system)
महामारी की शुरुआत के बाद से, कई अध्ययनों से पता चला है कि विटामिन सी, डी और जिंक जैसे माइक्रो नुट्रिएंट्स (micronutrients) प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) को बढ़ाने और श्वसन संक्रमण (respiratory infection) खतरे को कम करने के लिए जाने जाते है।
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SARS-CoV-2 के एक श्वसन संक्रमण होने के कारण, इन पोषक तत्वों को महामारी की शुरुआत से ही हेल्थ केयर एक्सपर्ट्स द्वारा लेने की सलाह दी गई। इस अध्ययन के लेखकों ने लिखा है कि ये पोषक तत्व आहार या मल्टीविटामिन टैबलेट से प्राप्त किए जा सकते है। लेखकों के अनुसार, सेहत के लिहाज से कई अन्य सप्लीमेंट्स जैसे ओमेगा -3 फैटी एसिड (“मछली का तेल”), प्रोबायोटिक्स और लहसुन भी इसमें शामिल हैं।
Dietary supplements की बिक्री और खपत में वृद्धि
शोधकर्ताओं ने लिखा कि इस वजह से डाइटरी सप्लीमेंट्स की बाजार में बिक्री मार्च 2020 से पहले ब्रिटेन में 19.5 प्रतिशत बढ़ गई, जब महामारी और देशव्यापी “लॉकडाउन” घोषित किया गया था। विटामिन सी की बिक्री में 110 प्रतिशत की वृद्धि हुई, और मल्टीविटामिन की बिक्री में 93 प्रतिशत की वृद्धि हुई। अमेरिका में 2 से 8 मार्च, 2020 के बीच सिर्फ 7 दिनों में जिंक सप्लीमेंट की बिक्री 415 प्रतिशत बढ़ गई। बिक्री में इसी तरह की वृद्धि विटामिन डी की खुराक के साथ भी देखी गई।
अध्ययन ने संक्रमण और सप्लीमेंट्स उपयोग की जांच की
इस अध्ययन में उन प्रतिभागियों का परीक्षण किया गया जिन्होंने COVID-19 लक्षण आधारित ऐप (COVID Symptom Study app) को सब्सक्राइब किया था। स्व-रिपोर्ट किए गए नियमित डाइटरी सप्लीमेंट्स उपयोग की जाँच की गई। इसमें प्रोबायोटिक्स, लहसुन, ओमेगा-3 फैटी एसिड (‘मछली के तेल’), मल्टीविटामिन, विटामिन डी, विटामिन सी या जिंक शामिल है।
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अध्ययन ने शुरू में 327,720 यूके प्रतिभागियों में संक्रमण की दर और उनके सप्लीमेंट्स उपयोग की जांच का प्रयास किया। इसमें ऐप का उपयोग करके 45,757 यूएस और 27,373 स्वीडिश प्रतिभागियों का डेटा जोड़ा गया। उन्होंने सप्लीमेंट्स लेने वाले 993,365 नियमित ऐप यूजर्स को भी जांचा जिन्होंने गंध न आने (anosmia) की रिपोर्ट की थी लेकिन उनका संक्रमण के लिए परीक्षण नहीं किया गया था। शोधकर्ताओं ने बताया कि एनोस्मिया, यानि गंध का एहसास न होना, COVID-19 की सबसे मजबूत लक्षणों में से एक है।
सर्वे के परिणाम
कुल मिलाकर, शोधकर्ताओं ने पाया कि:
- प्रोबायोटिक्स ने SARS-CoV-2 के जोखिम को 14 प्रतिशत (8 से 19 प्रतिशत सीमा) तक कम कर दिया।
- ओमेगा -3 फैटी एसिड ने SARS-CoV-2 के जोखिम को 12 प्रतिशत (8 से 16 प्रतिशत) तक कम कर दिया।
- मल्टीविटामिन ने SARS-CoV-2 के जोखिम को 13 प्रतिशत (10 से 16 प्रतिशत सीमा) तक कम कर दिया।
- विटामिन डी ने SARS-CoV-2 के जोखिम को 9 प्रतिशत (6 से 12 प्रतिशत सीमा) तक कम कर दिया।
- विटामिन सी, जिंक या लहसुन की खुराक SARS CoV-2 संक्रमण की घटनाओं को काफी कम नहीं करती है।
पुरुषों के बीच नहीं देखी गई सुरक्षा
इसके बाद टीम ने प्रतिभागीयो को लिंग, आयु और बॉडी मास इंडेक्स (BMI) वर्गों में बाँट दिया और पाया कि प्रोबायोटिक्स, ओमेगा -3 फैटी एसिड, मल्टीविटामिन और विटामिन डी ने सभी उम्र और बीएमआई की महिलाओं को SARS-CoV-2 से सुरक्षित रखा।
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लेकिन यह सुरक्षा पुरुषों के बीच नहीं देखी गई। इसी तरह के सुरक्षात्मक प्रभाव अमेरिकी और स्वीडिश आबादी के लिए भी नोट किए गए। अध्ययन का अगला हिस्सा, जिसने 993,365 नियमित ऐप उपयोगकर्ताओं के बीच सप्लीमेंट्स और एनोस्मिया के सुरक्षात्मक प्रभावों की जाँच की, उन्होंने भी एक समान सुरक्षात्मक प्रभाव दिखाया।
क्या रहे सप्लीमेंट्स के प्रभाव
शोधकर्ताओं ने सप्लीमेंट्स की सुरक्षात्मक भूमिकाओं को इस प्रकार बताया:
- विटामिन डी – इम्यून सेल्स विटामिन डी रिसेप्टर को दिखती है, और इसलिए यह एंटीजन-प्रेजेंटिंग सेल्स, टी-सेल्स और बी-सेल्स के कार्य में भूमिका निभाती है। टीम लिखती है, “यह [विटामिन डी] कैथेटिडिन (cathelicidin) के उत्पादन को भी बढ़ावा देता है, जो जन्मजात प्रतिरक्षा प्रणाली का एक माइक्रोबायोटिक घटक है।”
- मल्टीविटामिन: इन के घटको में एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं, और अध्ययनों से पता चला है कि वे श्वसन संक्रमण के जोखिम को कम कर सकते है।
- ओमेगा -3 फैटी एसिड: ये टी-सेल और बी-सेल के कार्य में एक भूमिका निभाते हैं और एंटी-इंफ्लेमेटरी है।
- प्रोबायोटिक्स: ये गट माइक्रोबायोटा को बदल सकते है और एंटी-वायरल मेटाबोलाइट्स उत्पन्न कर सकते है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते है।
- जिंक, विटामिन सी और लहसुन: अध्ययनों से पता चला है कि वे लक्षणों को कम करने में भूमिका निभा सकते है। इसी तरह के निष्कर्ष इस अध्ययन में नहीं देखे गए।
इस अध्ययन से पता चला कि SARS-CoV-2 संक्रमण के खिलाफ प्रोबायोटिक्स, ओमेगा -3 फैटी एसिड, मल्टीविटामिन या विटामिन डी की खुराक का एक महत्वपूर्ण सुरक्षात्मक प्रभाव है। टीम ने लिखा, “पुरुषों के लिए कोई स्पष्ट लाभ नहीं देखा गया और न ही पुरुषों या महिलाओं के लिए विटामिन सी, लहसुन या जिंक का कोई प्रभाव दिखा।”
लेकिन शोधकर्ताओं ने SARS-CoV-2 के खिलाफ इन तत्वों की सुरक्षात्मक प्रभावकारिता की जांच करने के लिए इन सप्लीमेंट्स और उनके कॉम्बिनेशन के साथ आगे परीक्षण करने का आह्वान किया।