वैसे तो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में हल्दी बहुत फायदेमंद है लेकिन हाल ही में वैज्ञानिकों ने इसे अंदरूनी अंगों को नुकसान पहुंचाने वाली एक दुर्लभ बीमारी को कम करने में भी प्रभावकारी पाया।
हल्दी को औषधीय गुण, रंग और स्वाद इसमें पाए जाने वाले करक्यूमिन (Curcumin) नामक प्रमुख पॉलीफेनोल से मिलते है। इसे ही एंटी-ऑक्सीडेशन, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-कैंसर, और एंटी-एमिलॉइड गुणों वाला बताया गया है।
इस अध्ययन में वैज्ञानिक एक दुर्लभ बीमारी एमिलॉयडोसिस (amyloidosis) पर करक्यूमिन का प्रभाव देखने में उत्सुक थे।
आपको बता दें कि एमिलॉयडोसिस एक ऐसी समस्या है जिसमें बोन मेरो में एमिलॉयड नामक असामान्य प्रोटीन बनने लगते है और अंदरूनी अंगों पर चिपक जाते है।
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एमिलॉयड के जमा होने से दिल, किडनी, लिवर और अन्य अंग काम करना बंद कर देते है।
इससे ग्रस्त मरीजों में सूजन, थकान, कमजोरी, सांस की तकलीफ या हाथों-पैरों में दर्द शामिल हो सकते है।
एमिलॉयड प्रोटीन स्तर पर करक्यूमिन के प्रभाव देखने के लिए उन्होंने प्रयोगशाला में चूहों को करक्यूमिन सप्लीमेंट खिलाया।
खोजकर्ताओं ने देखा कि करक्यूमिन ने प्लाज्मा में लिपिड मेटाबॉलिज्म नियंत्रित करने वाले पेरोक्सिसम प्रोलिफ़रेटर-एक्टिवेटिड रिसेप्टर अल्फा (PPARα) को सक्रिय करके एपोआ-II (ApoA-II) और एचडीएल-कोलेस्ट्रॉल कंसंट्रेशन को बढ़ा दिया।
इसके परिणामस्वरूप शरीर में एमिलॉयड का स्तर कम हो गया।
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लेख के निष्कर्ष बताते है कि करक्यूमिन में PPARα को सक्रिय करने वाले गुण है जिसे एमाइलॉयडोसिस और अन्य विकारों के उपचार में इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसके अलावा, यह भी साबित हुआ कि करक्यूमिन शरीर में एंटीऑक्सिडेंट गतिविधियों को बढ़ाता है।