कोरोना वायरस (Coronavirus) से लड़ने में शरीर के लिए सन्तुलित आहार (Balanced diet) कितना जरूरी है, यह बताने वाली एक रिसर्च हाल ही में सामने आई है।
कैलिफोर्निया के चिल्ड्रन हॉस्पिटल द्वारा की गई रिसर्च का कहना है कि आहार में पोषक तत्वों की कमी से हुआ कुपोषण (Malnutrition) COVID-19 संक्रमितों के लिए जानलेवा हो सकता है।
रिसर्च में कुपोषण वाले बच्चों और बड़ों को कोरोना संकम्रण होने पर वेंटिलेशन की जरूरत और मौत होने के मामले ज्यादा देखे गए।
आहार में पोषक तत्वों की सही मात्रा न मिलने से कुपोषण की समस्या पैदा होती है। इससे इम्यून सिस्टम प्रभावित होता है और गंभीर वायरस संक्रमण होने का जोखिम बढ़ता जाता है।
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हालांकि, अभी तक COVID-19 पर कुपोषण के संभावित दीर्घकालिक प्रभाव कम स्पष्ट रहे है।
इसलिए हॉस्पिटल के एक्सपर्ट्स ने कुपोषण और COVID-19 गंभीरता के बीच संबंधों की जांच की।
उन्होंने 8,604 बच्चों और 18 वर्ष से अधिक के 94,495 बड़ों का मेडिकल रिकॉर्ड इस्तेमाल किया। सभी को साल 2020 में COVID-19 के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था।
इसके बाद कुपोषण से पीड़ित रोगियों की तुलना बिना कुपोषण रोगियों संग की गई।
रिसर्च में पाया गया कि पांच वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों और 18 से 78 वर्ष की आयु के वयस्कों में कुपोषण के कारण गंभीर कोरोना वायरस संक्रमण हुआ था।
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उतनी ही उम्र के बिना कुपोषण की समस्या वालों को संक्रमण होने के बावजूद मौत या गंभीर स्वास्थ्य समस्या कम हुई।
हालांकि, बहुत छोटे बच्चों और बुजुर्गों को कुपोषित न होने के बावजूद गंभीर कोरोना की संभावना अधिक पाई गई।
इस बारे में एक्सपर्ट्स का कहना था कि छोटे बच्चों का मेडिकल डाटा विश्लेषण के लिए पर्याप्त नहीं था। लेकिन 79 साल के बाद सभी बुजुर्गों में उम्र बढ़ने के साथ ही कोरोना संक्रमण से होने वाली मौत का खतरा अधिक होता देखा गया, फिर चाहे वो कुपोषित हो या ना हो।
अंत में, एक्सपर्ट्स का सुझाव था कि कोरोना संक्रमण की गंभीरता कम करनी हो तो पौष्टिक और संतुलित आहार लेना बहुत जरूरी है।
इस रिसर्च को विस्तारपूर्वक साइंटिफिक रिपोर्ट्स पत्रिका में पढ़ा जा सकता है।