एक नई स्टडी ने आर्टिफिशियल स्वीटनर्स और उनसे बने स्वीट ड्रिंक्स से डिप्रेशन (Depression) का खतरा बताया है।
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की स्टडी ने डिप्रेशन से बचाव के लिए अल्ट्राप्रोसेस्ड फ़ूड (Ultraprocessed food) कम खाने की सलाह दी है।
अल्ट्राप्रोसेस्ड फ़ूड में मैदा से बने मीठे और नमकीन स्नैक्स, रेडीमेड भोजन, और कोल्ड ड्रिंक्स आदि शामिल है।
हालांकि,अल्ट्राप्रोसेस्ड फ़ूड से डिप्रेशन कैसे बढ़ा सकता है, हार्वर्ड वैज्ञानिक यह पता लगाने में असफल रहे।
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ऐसा अल्ट्राप्रोसेस्ड फ़ूड में मिले केमिकल द्वारा दिमाग की कार्यप्रणाली प्रभावित करने से संभव हो सकता है।
अधिक समझने के लिए वैज्ञानिक टीम ने 42 से 62 वर्षीय 31,712 महिलाओं के खान-पान और सेहत की जाँच की।
प्रतिदिन अल्ट्राप्रोसेस्ड फ़ूड के नौ या अधिक हिस्से खाने वाली महिलाओं को डिप्रेशन का 49% अधिक खतरा था।
उनकी तुलना में रोज़ाना चार से कम हिस्सों का सेवन करने वाली महिलाओं को कम खतरा पाया गया।
प्रतिदिन अल्ट्राप्रोसेस्ड फ़ूड का सेवन घटाकर तीन सर्विंग तक करने वाली महिलाओं को डिप्रेशन संभावना कम मिली।
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बता दें कि ऐसा फ़ूड ज़्यादा खाने से मोटापा, टाइप 2 डायबिटीज, हृदय रोग, स्ट्रोक और कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है।
इस स्टडी की और जानकारी जेएएमए नेटवर्क ओपन जर्नल में प्रकाशित एक लेख से मिल सकती है।