मिर्च के सेवन (chili pepper) से हृदय रोग (cardiovascular disease) और कम कैंसर (cancer) से होने वाली मृत्यु का खतरा उन लोगों की तुलना में कम हो सकता है जिन्होंने कभी कभार या शायद ही कभी मिर्च का सेवन किया हो।
आहार में मिर्च के सेवन से जुड़ा ये परिणाम चार अंतर्राष्ट्रीय अध्ययनों के आहार और मृत्यु संबंधी डाटा को बहुत ही बारीकी से नज़र रखने के बाद उजागर किया गया।
यह तो सर्विदित है कि मिर्च में पाए जाने वाले तत्व कैप्साइसिन, (capsaicin – जो मिर्च को तीखा बनाता है), की वजह से इसका सेवन दर्द, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीकैंसर और ब्लड ग्लूकोज नियंत्रण में प्रभावी होता है।
मिर्च (chili pepper) के प्रभावों का विश्लेषण
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इस शोध में सभी कारण से बीमारी की मृत्यु दर पर मिर्च के प्रभावों का विश्लेषण करने के लिए शोधकर्ताओं ने पांच विश्व स्वास्थ्य डेटाबेस से 4,729 अध्ययनों की जांच की। उनके अंतिम विश्लेषण में चार बड़े अध्ययन शामिल है, जिनमें मिर्ची सेवन के आंकड़ों के साथ प्रतिभागियों के स्वास्थ्य परिणाम भी शामिल किए गए।
संयुक्त राज्य अमेरिका, इटली, चीन और ईरान में 570,000 से अधिक व्यक्तियों के स्वास्थ्य और आहार रिकॉर्ड का उपयोग तुलना करने के लिए किया गया था, उन लोगों के परिणाम से जिन्होंने या तो मिर्च का सेवन किया या जिन्होंने शायद ही कभी मिर्ची का सेवन किया हो।
जिन लोगों ने मिर्च (chili pepper) खाई उनमे मृत्यु दर कम
उन व्यक्तियों की तुलना में, जिन्होंने मिर्च शायद ही कभी खाई या न खाई हो, विश्लेषण में पाया गया कि जिन लोगों ने मिर्च खाई थी उनमे कार्डिओवैस्कुलर (cardiovascular disease- CVD) मृत्यु दर में 26 प्रतिशत कमी; कैंसर मृत्यु दर में 23 प्रतिशत कमी और किसी और वजह से मृत्यु दर में 25 प्रतिशत कमी देखी गयी।
इस बारे में बताते हुए अध्ययन के वरिष्ठ लेखक और ओहियो के हृदय रोग विशेषज्ञ बो जू ने कहा, “हमें यह जानकर आश्चर्य हुआ कि इन पहले से ही प्रकाशित अध्ययनों में, मिर्च की नियमित खपत के साथ सभी कारणों से, CVD से और कैंसर से होने वाली मृत्यु दर जुड़ी हुई थी। ये सभी अध्ययन बताते है कि आहार संबंधी कारक सम्पूर्ण स्वास्थय में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है।”
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“जो हमारे निष्कर्षों की व्याख्या कर सकते है उन सटीक कारण और तंत्र हालांकि वर्तमान में अज्ञात है। इसलिए यह असंभव है कि निर्णायक रूप से कहें कि अधिक मिर्च खाने से जीवन को लम्बा किया जा सकता है और मृत्यु को कम, विशेषकर हृदय संबंधी कारकों या कैंसर से। इन प्रारंभिक निष्कर्षों की पुष्टि करने के लिए अधिक शोध के साक्ष्य की आवश्यकता है,” उन्होंने आगे कहा।
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पक्के तौर पर नहीं कह सकते अभी
शोधकर्ता ने यह भी नोट किया कि मिर्ची की मात्रा और उसका किस्म अध्ययन के बीच अलग अलग थी, जिससे इसे तय करना मुश्किल हो गया कि वास्तव में कितना, कितनी बार और किस प्रकार की मिर्च खाने से स्वास्थ्य लाभ हो सकता है।