पनीर (cheese) और रेड वाइन (red wine) का सेवन उम्र बढ़ने से जुड़ी याददाश्त में गिरावट को रोकने और सोचने-समझने की ताकत को सुधरने में सहायक है।
विशेषज्ञों के अनुसार हमारे द्वारा खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों का हमारे बाद के वर्षों, यानि ढलती उम्र में, हमारी सोच समझकर निर्णय लेने की क्षमता पर सीधा प्रभाव पड़ सकता है।
यह प्रमुख खोज आयोवा स्टेट यूनिवर्सिटी के अध्ययन की है जो जर्नल ऑफ़ अल्जाइमर पत्रिका में प्रकाशित हुआ।
यह अध्ययन आयोवा राज्य के प्रमुख इन्वेस्टिगेटर, ऑरल विलेट और ब्रैंडन क्लिंडींस्ट द्वारा प्रायोजित किया गया था जो बड़े पैमाने पर अपनी तरह का पहला विशिष्ट खाद्य पदार्थों को बुढ़ापे में दिमागी क्षमता से जोड़ता विश्लेषण है।
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इसके लिए शोधकर्ताओं की टीम ने यूनाइटेड किंगडम में 46 से 77 वर्ष की आयु के 1,787 वयस्कों से एकत्र आंकड़ों का विश्लेषण किया।
प्रतिभागियों ने टचस्क्रीन प्रश्नावली के भाग के रूप में एक फ्लूड इंटेलिजेंस टेस्ट (एफआईटी) पूरा किया। एफआईटी विश्लेषण एक व्यक्ति की ‘बहुत जल्दी और अनौपचारिक तरीके से सोचने’ की क्षमता का इन-टाइम स्नैपशॉट प्रदान करता है।
प्रतिभागियों ने तुलनात्मक तथ्यों पर और दो फॉलोअप असेसमेंट के माध्यम से अपने भोजन और शराब की खपत के बारे में सवालों के जवाब दिए।
खाद्य आवृत्ति प्रश्नावली ने प्रतिभागियों द्वारा खाये जाने वाले ताजे फल, सूखे फल, कच्ची सब्जियां और सलाद, पकी हुई सब्जियां, तैलीय मछली, प्रोसेस्ड मांस, पोल्ट्री, बीफ, भेड़, पोर्क, पनीर, ब्रेड, अनाज, चाय और कॉफी, बीयर, रेड वाइन, व्हाइट वाइन, शैंपेन और शराब के बारे में पूछा।
अध्ययन से मिले सबसे महत्वपूर्ण निष्कर्षों में से चार
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- पनीर खाना उम्र से संबंधित सोचने-समझने की समस्याओं के खिलाफ सबसे सुरक्षात्मक भोजन के रूप में दिखा, यहां तक कि बुढ़ापे में भी।
- अल्कोहल, विशेष रूप से रेड वाइन, की दैनिक खपत दिमागी कार्यकुशलता सुधार से संबंधित थी।
- अन्य लाल मांस की तुलना में लैम्ब मीट की साप्ताहिक खपत ने लंबे समय तक संज्ञानात्मक कौशल में सुधार दिखाया।
- नमक की अत्यधिक खपत खराब है, लेकिन केवल पहले से ही अल्जाइमर रोग के जोखिम वाले व्यक्तियों को समय बीतने के साथ भूलने की समस्याओं से बचने के लिए उसके सेवन को देखने की आवश्यकता हो सकती है।
इस बारे में बोलते हुए शोधकर्ताओं ने कहा कि शोध के परिणामों से पता चलता है कि नियंत्रणपूर्वक पनीर खाना और रोज रेड वाइन पीना न सिर्फ वर्तमान COVID-19 महामारी का सामना करने बल्कि शायद तेजी से जटिल होती दुनिया से निपटने के लिए भी अच्छा है।
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आनुवंशिक कारकों के आधार पर कुछ व्यक्ति अल्जाइमर के प्रभाव से अधिक सुरक्षित, जबकि अन्य अधिक जोखिम में प्रतीत होते है। लेकिन सही भोजन का चुनाव बीमारी और सोचने-समझने या निर्णय लेने की कमी को रोक सकता है।
कुल मिलाकर हम जिस ‘जादुई हथियार’ की तलाश कर रहे है शायद वह जो कुछ हम खा रहा है उसमे अधिक अच्छे को चुनना है। इसे जानकर भूलने की बीमारी के बढ़ने को रोका जा सकता है।