Broccoli Benefits in Cancer: ब्रॉकली, पत्ता गोभी और अन्य क्रूसिफेरस सब्जियों में पाया जाने वाला एक खास तत्व भविष्य में कैंसर रोधी उपचार में मददगार हो सकता है, ये संभावना जताई है जापान के वैज्ञानिकों ने।
उनके अनुसार, इन सब्जियों में मिलने वाले केमिकल तत्व, डायंडोलिलमीथेन (Diindolylmethane -DIM) से स्तन, प्रोस्टेट और पेट के कैंसर की कोशिकाओं का खात्मा किया जा सकता है।
हिरोशिमा यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक अब भविष्य में कैंसर रोधी उपचारों के लिए इस तत्व के व्यवहार को समझने में लगे है।
अपनी रिसर्च के दौरान उन्होंने डीआईएम के असर से ऐसी नवीनतम जैविक गतिविधि को प्रेरित होते पाया, जिसे एक विशेष खमीर की झिल्ली (nuclear membranes) को नुकसान पहुंचा।
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वैज्ञानिकों का कहना था कि मानव स्वास्थ्य के लिए कोशिकाओं की झिल्लियों का मजबूत रहना महत्वपूर्ण है। डीएनए में परिवर्तन होने से झिल्ली में दोष पैदा होता है, जिससे उम्र बढ़ने में तेजी आती है।
शरीर के अन्य हिस्सों में कैंसर कोशिकाओं के फैलने से भी झिल्ली को नुकसान होता है, जिसे यह स्वयं ठीक कर लेती है। इस प्रक्रिया को ऑटोफैगी कहा जाता है।
ऑटोफैगी को उम्र बढ़ने और उम्र से संबंधित बीमारियों को रोकने में फायदेमंद पाया गया है। लेकिन स्वयं की मरम्मत ना कर पाने की स्थिति में शरीर की कोशिकाएं मरना शुरू हो जाती है।
कई एंटीकैंसर दवाएं इलाज के लिए इस अवस्था को प्रेरित करने का काम करती है। इसलिए, इस प्रक्रिया को नियंत्रित करने में सक्षम होने से मानव स्वास्थ्य को सुरक्षित और बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।
मनुष्यों में हुए हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि डीआईएम एक संभावित कैंसर विरोधी दवा के रूप में कई कैंसरों में शामिल दोषपूर्ण कोशिकाओं को मारने की प्रक्रिया शुरू करता है। इसके अलावा, डीआईएम कैंसर कोशिकाओं में ऑटोफैगी को भी प्रेरित करता है।
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हालांकि, ट्यूमर के गठन और प्रगति पर ऑटोफैगी के प्रभाव को पूरी तरह से समझा नहीं गया है।
ऐसे में, डीआईएम द्वारा खमीर की कोशिकाओं को नष्ट करने वाले तंत्र की समझ से मानव कैंसर दवा और दीर्घायु अनुसंधान में मदद मिल सकती है।
इस खोज को विस्तारपूर्वक पीएलओएस वन पत्रिका में पढ़ा जा सकता है