एक नई स्टडी ने डायबिटीज (Diabetes) इलाज में शामिल कुछ दवाओं को मोटापे से जुड़े कैंसरों (Obesity associated cancers) में लाभकारी पाया है।
स्टडी में, Glucagon-Like Peptide 1 Receptor Agonists (GLP-1RAs) से मोटापे के 10 कैंसरों का खतरा कम मिला।
GLP-1RAs टाइप 2 डायबिटीज और मोटापे के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं का एक वर्ग है।
16 लाख से ज़्यादा मरीज़ों पर हुई स्टडी में , इन्सुलिन और GLP-1RA से उपचारितों का आकलन किय गया था।
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उपरोक्त डायबिटीज दवाएं वर्ष 2005 और 2018 के बीच दी गई थी। मरीज़ों का डाटा एनालिसिस अप्रैल 2024 में हुआ।
GLP-1RA दवाओं से उपचारित रोगियों को 13 में से 10 कैंसर विकसित होने का जोखिम काफी कम था।
13 कैंसरों में एसोफैजियल, ब्रेस्ट, कोलोरेक्टल, एंडोमेट्रियल, गॉलब्लैडर, पेट, किडनी,ओवेरियन, पैन्क्रीऐटिक, थायरॉयड, हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा, मेनिंगियोमा और मल्टीपल मायलोमा शामिल थे।
इंसुलिन की तुलना में, GLP-1RAs लेने वालों में 13 में से 10 कैंसरों का जोखिम काफी कम रहने की संभावना थी।
ऐसे कैंसरों में एसोफैजियल, कोलोरेक्टल, किडनी, अग्नाशय, गॉलब्लैडर, ओवेरियन, एंडोमेट्रियल और लिवर कैंसर आदि शामिल थे।
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हालांकि, डायबिटीज दवाओं से पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं के थायराइड और ब्रैस्ट कैंसर में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं देखा गया।
नतीजों में, मोटापा होने पर कम से कम 13 प्रकार के कैंसर बताए गए, जिन्हें घटाने में GLP-1RA दवाएं आशाजनक मानी गई।
स्टडी में मिले लाभों को देखते हुए डॉक्टर डायबिटीज रोगियों को इंसुलिन की अपेक्षा GLP-1RA दवाओं के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।
ओहायो स्थित केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी की यह स्टडी, JAMA नेटवर्क ओपन में प्रकाशित हुई थी।
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