Antidepressants for brain function: मानसिक विकारों से जूझते मरीजों के इलाज में एंटीडिप्रेसेंट दवाओं को असरदार पाया गया है।
हालांकि, एंटीडिप्रेसेंट दवाएं लेने वालों के दिमाग और शरीर पर कई दुष्प्रभाव भी पड़ते है।
लेकिन कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने कुछ एंटीडिप्रेसेंट दवाओं को दिमाग के लिए लाभकारी पाया है।
उनकी नई स्टडी में डिप्रेशन (Depression) और चिंता (Anxiety) घटाने वाली दवाओं से ब्रेन फंक्शन और याददाश्त में सुधार मिला है।
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ऐसा सेलेक्टिव सेरोटोनिन रीअपटेक इनहिबिटर्स (SSRI) नामक एंटीडिप्रेसेंट दवाओं से संभव दिखा है।
मूड सुधार क्षमता वाली ये दवाएं शब्दों से जुड़ी याददाश्त (Verbal memory) को बेहतर करती मिली है।
ऐसी याददाश्त में भाषा के जरिए शब्दों, वाक्यों और कहानियों को याद रखने की क्षमता होती है।
बता दें कि सेरोटोनिन को अक्सर ‘अच्छा महसूस कराने वाले’ हॉर्मोन के रूप में भी जाना जाता है।
SSRI दवाएं क्लिनिकल डिप्रेशन के पीड़ितों में बेहतर स्वास्थ्य और मूड की भावना को प्रोत्साहित करती है।
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रिसर्चर्स ने आठ हफ्ते तक रोजाना 90 रोगियों के ब्रेन फंक्शन की Escitalopram SSRI लेने से पहले और बाद में जांच की।
टीम ने सेरोटोनिन रिसेप्टर 5-HT4R की मात्रा मापने के लिए सभी मरीजों के दिमाग को स्कैन किया।
मरीजों के मूड और मानसिक कार्य क्षमताओं को मापने के लिए कई परीक्षण भी किए गए।
नतीजों ने दिमाग में 5-HT4 रिसेप्टर का स्तर तो लगभग 9% कम दिखाया, लेकिन रोगियों का मूड बेहतर रहा।
5-HT4 रिसेप्टर में जितना कम बदलाव हुआ, मानसिक कार्य क्षमता उतनी ही तेज होती मिली।
ऐसे सकारात्मक परिवर्तन से विशेषकर शब्दों को याद करने की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि जानी गई।
कुल मिलाकर, SSRI दवाओं से डिप्रेशन मरीजों के दिमाग में हुई सेरोटोनिन वृद्धि को महत्वपूर्ण माना गया।
SSRI एंटीडिप्रेसेंट दवाओं से मरीजों के मूड और याददाश्त में हुए सकारात्मक परिवर्तन उत्साहित करने वाले रहे।
यूरोपीय कॉलेज ऑफ़ न्यूरोसाइकोफार्माकोलॉजी सम्मेलन में प्रस्तुत यह स्टडी बायोलॉजिकल साइकियाट्री जर्नल में छपी थी।
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