Osimertinib therapy: दवा की एक गोली फेफड़ों के विशेष कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या आधा कर सकती है।
क्लिनिकल ट्रायल में, सर्जरी के बाद हर रोज 80mg Osimertinib लेने वालों का ट्यूमर ख़त्म मिला है।
इस बारे में अमेरिकन सोसाइटी फॉर क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी के एक बड़े सम्मेलन में बताया गया है।
एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित Osimertinib से बनी दवा बाज़ार में Tagrisso नाम से उपलब्ध है।
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इस दवा से non-small cell cancer जैसे फेफड़ों के कैंसर पीड़ितों का इलाज असरदार मिला है।
non-small cell cancer की स्थिति एपिडर्मल ग्रोथ फैक्टर रिसेप्टर (EGFR) द्वारा प्रभावित होती है।
Osimertinib ऐसे कैंसर को स्मोकर्स और सामान्य लोगों के मस्तिष्क, लिवर व हड्डियों तक फैलने से रोकती है।
उपरोक्त कैंसर के अमेरिका व यूरोप में 10 से 25 प्रतिशत और एशिया में 30 से 40 प्रतिशत रोगी मिले है।
ट्रायल में 20 से अधिक देशों के शुरूआती स्टेज (IB से IIIA) वाले लगभग 680 मरीज़ शामिल थे।
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ट्यूमर हटाने के लिए पहले उनका ऑपरेशन करना पड़ा। फिर आधे मरीजों का दवा और प्लेसबो से इलाज हुआ।
नतीजों में, प्लेसबो की अपेक्षा 80mg की Osimertinib से उपचारित मरीजों की मौत में 51% की कमी मिली।
पांच वर्षों के बाद, प्लेसबो प्राप्त 78% रोगियों की तुलना में रोज़ाना Osimertinib लेने से 88% रोगी जीवित रहे।
हालांकि, EGFR म्यूटेशन में प्रभावी मिली Osimertinib के अत्यधिक थकान, त्वचा पर चकत्ते या दस्त जैसे साइड इफेक्ट्स भी थे।
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