कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal cancer – CRC) के दुनिया भर में हर साल 19 लाख मरीज जाने गए है।
CRC के II-III स्टेज मरीजों में से 20 से 40% में रोग का फैलाव अन्य हिस्सों में देखा गया है।
लेकिन aspirin दवा से गंभीर हालत के मरीजों में एडेनोमा (Adenoma) और CRC मामले घट सकते है।
यह जानकारी एक स्वीडिश स्टडी ने aspirin उपचार प्राप्त 626 रोगियों की जांच के बाद दी है।
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स्टेज I से लेकर III के उपरोक्त कोलन या रेक्टल कैंसर रोगी स्वीडन, डेनमार्क, फिनलैंड और नॉर्वे से थे।
रोजाना कम डोज aspirin कोलन कैंसर के एक तिहाई से अधिक रोगियों में कोलोरेक्टल कैंसर दोबारा होने से रोकती मिली।
प्रतिदिन 160 mg aspirin से PIK3CA जीन प्रभावित कोलन कैंसर मरीजों को दोबारा कैंसर का खतरा आधा पाया गया।
बता दें कि PIK3CA जीन परिवर्तन से कैंसर अधिक आक्रामक और इलाज मुश्किल हो सकता है।
PIK3CA जीन परिवर्तन से ब्रेस्ट, पेट, ओवरी, फेफड़ें, दिमाग, कोलन और रेक्टल कैंसर पाए गए हैं।
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स्टडी में तीन साल तक प्लेसबो की अपेक्षा aspirin लेने से PIK3CA वालों में कैंसर दोबारा होने का खतरा 51% कम था।
Aspirin वालों में कैंसर दोबारा होने के मामले 7.7%, जबकि प्लेसबो लेने वालों में 14.1% थे।
कुल मिलाकर, aspirin दिए रोगियों में प्लेसबो वालों की तुलना में कैंसर पुनरावृत्ति की संभावना 55% कम थी।
इसके अलावा, स्टडी में एस्पिरिन के उपयोग से संबंधित दुष्प्रभाव भी अत्यधिक कम पाए गए।
उत्साहित शोधकर्ताओं ने नए नतीजों से कोलन कैंसर रोगियों के उपचार में तत्काल बदलाव आने की उम्मीद की।
यह स्टडी जर्नल ऑफ क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी में प्रकाशित हुई थी।