धूप में निकलते वक्त त्वचा को सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाने में सनस्क्रीन (Sunscreens) सहायक बताए जाते है, लेकिन इस बारे में वैज्ञानिकों की राय थोड़ी अलग है।
हाल ही में कुछ सनस्क्रीन पर किए गए एक शोध में, वैज्ञानिकों की टीम ने उन्हें त्वचा के लिए जहरीला बताया है।
उनके मुताबिक, जिंक ऑक्साइड मिले सनस्क्रीन (Zinc oxide mixed sunscreens) पराबैंगनी विकिरण (Ultraviolet radiation) के संपर्क में आने के दो घंटे बाद ही जहरीले हो सकते है।
वैज्ञानिकों की टीम ने ऐसे कुछ सनस्क्रीनों की विषाक्तता का विश्लेषण मीठे पानी की मछली, ज़ेब्राफिश पर किया। इस मछली में आणविक, आनुवंशिक और सेलुलर स्तरों पर मनुष्यों जैसी समानता होती है।
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शोध में टीम ने पाया कि तेजी से उभरते सनस्क्रीन बाजार में सुरक्षा, प्रभावशीलता और सामग्री से जुड़े खतरों को बड़े पैमाने पर दरकिनार किया जाता है।
यूवी एक्सपोजर और त्वचा कैंसर को कम करने में सनस्क्रीन एक महत्वपूर्ण उपभोक्ता उत्पाद है। बावजूद इसके, इनकी सामग्री और यूवी प्रकाश के बीच तालमेल के कारण कुछ सनस्क्रीनों में अनपेक्षित जहर हो सकता है।
उनके मुताबिक, आर्गेनिक तत्वों की जगह जिंक ऑक्साइड या टाइटेनियम डाइऑक्साइड जैसे इनऑर्गेनिक मिनरल को सुरक्षित मानकर अधिक से अधिक इस्तेमाल किया जा रहा है, जो शरीर के लिए सही नहीं है।
अपने कथन की सच्चाई के लिए वैज्ञानिकों ने संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में उपलब्ध विभिन्न प्रोडक्ट्स से सनस्क्रीन बनाने में इस्तेमाल होने वाले पांच विभिन्न छोटे-मॉलिक्यूल से एक SPF15 सनस्क्रीन के यूवी-फिल्टर मिश्रण (UV-filter mixtures) बनाए।
बाद में, इसी से उन्होंने व्यावसायिक रूप से अनुशंसित मात्रा के अनुसार जिंक ऑक्साइड मिला सनस्क्रीन भी बनाया।
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दोनों तरह के सनस्क्रीन की जाँच करने पर पता चला कि पराबैंगनी विकिरणों ने जिंक ऑक्साइड के बिना वाले सनस्क्रीन से मछली में कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं किया।
लेकिन जिंक ऑक्साइड मिले सनस्क्रीन से परीक्षण की जाने वाली मछली में कई दोष बढे हुए मिले।
यही नहीं, जिंक ऑक्साइड को आर्गेनिक मिश्रण में मिलाने से पराबैंगनी-ए किरणों (Ultraviolet-A rays) के खिलाफ तैयार मिश्रण को 80 फीसदी से अधिक नुकसान हुआ।
बता दें कि पराबैंगनी-ए किरणें पृथ्वी तक पहुंचने वाले यूवी विकिरण (UV radiation) का 95 फीसदी हिस्सा होती है।
उनके निष्कर्षों के अनुसार, मेटल ऑक्साइड पार्टिकल (Metal oxide particle) का छोटा-सा कण भी सनस्क्रीन मिश्रण को जहरीला बना सकता है।
ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी और यूके की लीड्स यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया यह अध्ययन, फोटोकैमिकल एंड फोटोबायोलॉजिकल साइंसेज में प्रकाशित हुआ था।
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