पूरी दुनिया में लाखों लोगों की मौत के जिम्मेदार घातक कोरोनावायरस बीमारी (COVID-19) की उत्पत्ति के बारे में वैज्ञानिकों को अभी तक कोई सुराग नहीं मिला।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा गठित वैज्ञानिकों के एक दल ने जनवरी में COVID-19 के स्त्रोत की तलाश में चीन के वुहान शहर में अस्पतालों और अनुसंधान संस्थानों का दौरा भी किया था।
लेकिन मिशन के तहत चीन के दावों और उपलब्ध कराए आंकड़ों पर बहुत अधिक भरोसा करने के कारण संगठन को आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा।
टीम के सदस्यों ने तो यहां तक कहा कि चीन उस महत्वपूर्ण डेटा को साझा करने में अनिच्छुक दिखा जो यह बता सकता था कि वायरस पहचाने जाने से महीनों पहले ही वहां फैल चुका था।
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हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन के खाद्य वैज्ञानिक और कार्यक्रम प्रबंधक पीटर बेन एम्बरेक, जो इस खोज मिशन के प्रमुख थे, ने यह कह कर उत्पत्ति से जुड़ी संभावनाओं पर विराम लगा दिया कि वायरस वुहान की किसी प्रयोगशाला से लीक नहीं हुआ था।
लेकिन समाचार एजेंसियों की माने तो टीम के एक सदस्य ने इस निर्णय के खिलाफ बोलते हुए कहा है कि डब्ल्यूएचओ मिशन के पास पूर्ण जांच करने के आवश्यक अधिकार और पहुंच ही नहीं थी।
मिशन में शामिल ऑस्ट्रेलिया के इस विशेषज्ञ ने कहा कि स्वास्थ्य संगठन को इस बात की घोषणा करनी चाहिए कि किसी ने अभी तक वायरस के स्रोत की पहचान नहीं की है, इसलिए यह खोज जारी रखने की आवश्यकता है।
गौरतलब है कि COVID-19 महामारी से वैश्विक स्तर पर संक्रामक के लगभग 115,094,614 मामले दर्ज है और लगभग 2,560,995 मौतें हुई है।
एक साल बीत जाने के बावजूद, अमेरिका, यूरोप और दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्रों में ज्यादातर मामलों के बढ़ने की संभावना बनी हुई है।
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