WHO/ILO report on work-related deaths: एक नई रिपोर्ट के अनुसार, नौकरियों से संबंधित बीमारियों और आघात ने साल 2016 में 19 लाख लोगों की जान ली है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) द्वारा संयुक्त रूप से जारी साल 2000 से 2016 तक में हुई कार्य-संबंधी बीमारी और आघात पर केंद्रित एक वैश्विक रिपोर्ट हाल ही में प्रस्तुत की गई है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस दौरान नौकरियों पर दिए गए कामों से संबंधित अधिकांश मौतें श्वसन और हृदय संबंधी रोगों के कारण हुईं थी।
कामकाज से संबंधित मौतों के ज्यादातर शिकार दक्षिण-पूर्व एशिया और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के पुरुष कर्मचारी और 54 वर्ष से अधिक आयु के वृद्ध थे।
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रिपोर्ट के खोजकर्ताओं ने बताया है कि इन मौतों का सबसे बड़ा कारण फेफड़ों की बीमारियां थी, जिनसे तकरीबन 450,000 मौतें हुई। इसके बाद, स्ट्रोक (400,000), इस्केमिक हार्ट डिजीज (350,000) और जॉब से जुड़ी दुर्घटनाओं के कारण (360,000) मौतें हुईं।
कामकाज से होने वाले जानलेवा खतरों मे ऑफिस में ज्यादा घंटे बिताना, कार्यस्थल पर वायु प्रदूषण, अस्थमा, कार्सिनोजेन्स, एर्गोनोमिक जोखिम कारक और शोर-शराबा देखे गए।
सबसे मुख्य जोखिम लंबे समय तक ऑफिस वर्क या अन्य काम करने का था, जो लगभग 750, 000 मौतों का जिम्मेदार बताया गया है। वायु प्रदूषण (पार्टिकुलेट मैटर, गैस और धुएं) से कार्यस्थल पर उत्पन्न जोखिम 450,000 मौतों के लिए जिम्मेदार था।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक, डॉ टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस ने इतने सारे लोगों के उनकी नौकरियों द्वारा मारे जाने पर हैरानी जताई हैं।
उन्होंने रिपोर्ट के आधार पर कर्मचारियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा में सुधार के लिए सभी देशों और व्यवसायों को ठोस और सुरक्षित कदम उठाने का आग्रह किया है।
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रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि काम से संबंधित बीमारियां और दुर्घटनाएं हेल्थकेयर सिस्टम को प्रभावित करती है। इनसे उत्पादकता में कम आती हैं और कर्मचारियों की घरेलू आय पर घातक असर हो सकता हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में साल 2000 और 2016 के बीच प्रति जनसंख्या कामकाज से संबंधित मौतों में 14 प्रतिशत की गिरावट आई है, जो कार्यस्थल पर स्वास्थ्य और सुरक्षा में हुए सुधारों को दर्शाता है।
हालांकि, लंबे समय तक काम करने के कारण हृदय रोग और स्ट्रोक से होने वाली मौतों में क्रमशः 41 और 19 प्रतिशत की वृद्धि भी हुई। यह समाज में बढ़ते एक नए खतरे का संकेत है।
रिपोर्ट का सुझाव है कि कार्यस्थलों पर स्वस्थ, सुरक्षित, अधिक लचीली और सामाजिक रूप से न्यायपूर्ण नीतियों को सुनिश्चित करने के लिए और उपयुक्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
साथ ही, नौकरियों वाली जगहों पर वायु प्रदूषण के खतरे को कम करने के लिए धूल नियंत्रण, वेंटिलेशन और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों पर भी ध्यान देना होगा।