विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शराब पीने (Alcohol Consumption) से कई तरह के कैंसर (Cancer) होने की चेतावनी दी है।
संगठन की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के एक नए अध्ययन में लंबे समय तक शराब की थोड़ी मात्रा भी लेते रहने से आंत, मुंह और स्तन कैंसर जैसे कई जानलेवा कैंसर होने का अधिक जोखिम पाया गया है।
यह खतरा प्रतिदिन शराब के केवल दो पैग लेने वालों को भी ज्यादा था।
इस बारे में और जानकारी देते हुए अध्ययनकर्ताओं का कहना था कि शराब सेवन से दुनिया भर में कैंसर के मामलों में इजाफा हुआ है। फिर भी कानून बनाने वालों का ध्यान इस और कम ही जाता है।
- Advertisement -
अगर कई तरह के कैंसर को रोकना है तो शराब पीना कम करने के साथ-साथ लोगों को इससे होने वाले कैंसर के बारे में जागरूक भी करना होगा।
जानकारी के मुताबिक, कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से कई लोगों ने ज्यादा शराब पीना शुरू कर दिया है।
भले ही ये आदत अस्थायी मानी गई हो, लेकिन इसके स्थाई होने में देर नहीं लगेगी, ऐसी विशेषज्ञों को आशंका थी।
शराब पीने के परिणाम अक्सर शुरू में कम नुकसानदायक होते है, जो लंबे समय बाद कैंसर और लिवर रोग में तबदील हो जाते है।
अध्ययन में साल 2020 के दौरान शराब पीने से अकेले कनाडा में कैंसर के 7,000 नए मामले मिले। इनमें 24 प्रतिशत स्तन कैंसर, 20 प्रतिशत कोलन कैंसर, 15 प्रतिशत रेक्टल कैंसर और 13 प्रतिशत मुंह और लिवर कैंसर से जुड़े बताए गए है।
- Advertisement -
अध्ययनकर्ताओं के अनुसार, शराब कई तरह के कैंसर की वजह इसलिए है क्योंकि इसे पीने से डीएनए की मरम्मत नहीं हो पाती।
इसके अतिरिक्त, शरीर के सबसे बड़े अंग लिवर को भी इससे नुकसान होता है।
शराब पीने से स्मोकिंग करने वालों के सिर और गर्दन में भी कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा शराब द्वारा तंबाकू के हानिकारक तत्वों को सोखने से संभव है।
विशेषज्ञों का कहना था कि क्योंकि शराब पीने और कैंसर के बीच संबंध पर खोज अपेक्षाकृत नई है, ऐसे में सरकारें निर्माताओं को अल्कोहल युक्त ड्रिंक्स के लेबल पर कैंसर के खतरे सहित शराब पीने से होने वाली स्वास्थ्य हानि की चेतावनी लगाने को बाध्य कर सकती है।
दुनिया के लगभग सभी देशों के शराब सेवन संबंधित आंकड़ों पर आधारित यह अध्ययन, लैंसेट ऑन्कोलॉजी जर्नल में प्रकाशित किया गया है।