Diabetes in India: दुनिया में 82.8 करोड़ से अधिक डायबिटीज पीड़ित हैं, जिनमें से लगभग एक चौथाई भारत में हैं।
यह चौंकाने वाली खबर द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी ने दी है।
स्टडी ने दुनिया में टाइप 1 या 2 डायबिटीज पीड़ितों की कुल संख्या 80 करोड़ से अधिक बताई है।
चिंता की बात है कि यह संख्या साल 1990 की कुल संख्या से चार गुना अधिक मिली है।
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वैज्ञानिकों ने बताया कि 30 पार या ज्यादा के 44.5 करोड़ मरीजों (59%) को तो 2022 में इलाज ही नहीं मिला।
उन्होंने डायबिटीज के 82.8 करोड़ रोगियों में से 21.2 करोड़ भारत में और 14.8 करोड़ चीन में बताए।
अन्य 4.2 करोड़, 3.6 करोड़ और 2.2 करोड़ क्रमशः अमेरिका, पाकिस्तान और ब्राजील में हैं।
डायबिटीज इलाज में कमी के कारण खासकर कम उपचार प्राप्त देशों में निगरानी बढ़ाना तत्काल प्राथमिकता मानी गई।
वैज्ञानिकों ने डायबिटीज के बढ़ते मामलों के लिए खराब लाइफस्टाइल और खान-पान को दोषी माना।
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इसके अलावा, स्वास्थ्य सेवा, सामाजिक-आर्थिक बाधाओं, सांस्कृतिक धारणाओं और कम जागरूकता भी जिम्मेदार है।
डायबिटीज उपचार में कमी और पता न लगने से लोगों में संभवत: नेत्र हानि और अंधापन हो सकता है।
वैज्ञानिकों ने पुरुषों और महिलाओं, दोनों में ही डायबिटीज के मामले लगभग दोगुने पाए।
स्टडी ने वैश्विक डायबिटीज दर पुरुषों में वर्ष 1990 की 6.8% से बढ़कर 2022 में 14.3% बताई।
इसी अवधि के दौरान यह दर महिलाओं में भी 6.9% से बढ़कर 13.9% हो गई थी।
भारतीय महिलाओं में यह दर वर्ष 1990 की 11.9% से बढ़कर 2022 में 24% पाई गई।
जबकि पुरुषों में यह दर उपरोक्त अवधि में 11.3% से बढ़कर 21.4% हो गई थी।
हालांकि, इस अवधि के दौरान पुरुषों और महिलाओं के इलाज में मामूली बढ़त ही दर्ज की गई।
महिलाओं में उपचार कवरेज 21.6% से बढ़कर 27.8% और पुरुषों में 25.3% से बढ़कर 29.3% थी।
वर्तमान स्टडी अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य वैज्ञानिकों द्वारा की गई थी। अधिक जानकारी उनकी रिपोर्ट से मिल सकती है।
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