घर, नौकरी और सामाजिक जीवन से उपजा तनाव महिलाओं में गंभीर दिल की बीमारी विकसित कर सकता है, ऐसा एक अध्ययन के परिणामों से पता चला है।
हाल ही में अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित, ड्रेक्सेल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का यह अध्ययन बताता है कि तीनो तरह के तनाव से ग्रस्त महिलाओं में कोरोनरी हृदय रोग (coronary heart disease) के विकास का 21 फीसदी अधिक खतरा देखा गया।
कोरोनरी हृदय रोग या दिल की बीमारी, हृदय धमनियों (arteries) के संकीर्ण होने से होता है, जिससे हृदय में पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त रक्त का संचार नहीं हो पाता।
अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने इस बीमारी पर नौकरी, जीवन की दुखद घटनाओं और सामाजिक ताने-बाने से जन्में एक शक्तिशाली तनाव के घातक असर का मूल्यांकन किया।
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इसके लिए उन्होंने 80,825 पोस्टमेनोपॉज़ल (प्रजनन हार्मोन में प्राकृतिक गिरावट) महिलाओं के स्वास्थ्य और जीवनशैली से जुड़े विवरण का इस्तेमाल किया।
14 साल तक चले अध्ययन के दौरान, लगभग 5 फीसद महिलाओं को कोरोनरी हृदय रोग हुआ।
उच्च तनाव वाली जीवन घटनाओं जैसे जीवनसाथी की मृत्यु, तलाक, शारीरिक या शाब्दिक शोषण के साथ-साथ सामाजिक तनाव से कोरोनरी हृदय रोग के विकसित होने का क्रमशः 12 फीसदी और 9 फीसदी ज्यादा खतरा देखा गया।
गौरतलब बात यह हुई कि नौकरी से उपजे तनाव का स्वतंत्र रूप से इस बीमारी को करने में कोई हाथ नहीं था।
महिलाओं और उनके साथ रहने वालों को अच्छे मानव स्वास्थ्य के लिए किसी भी प्रकार के तनाव को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, ऐसा शोधकर्ता का कहना था।
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