Obesity side effects: अधिक वज़न और मोटापे को कई गंभीर बीमारियों की जड़ कहा गया है।
ऐसी समस्याओं के पीछे शरीर में वसा कोशिकाओं यानी फैट सेल्स (Fat cells) का आकार बढ़ना और संख्या में वृद्धि है।
लेकिन ये फैट सेल्स बीमारियों का कारण कैसे बनती है, ये बताया है टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ़ म्यूनिख के वैज्ञानिकों ने।
इसके अलावा, उन्होंने इन फैट सेल्स के आकार को जानने के लिए बिना सर्जरी वाला तरीका भी विकसित किया है।
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गौरतलब है कि मोटापे के कई कारण होते है। इसके आते ही डायबिटीज, दिल की बीमारी और कई कैंसरों का ख़तरा भी पनपने लगता है।
जर्मन वैज्ञानिकों ने फैट सेल्स में जीन की गड़बड़ी को मोटापा ग्रस्त लोगों के बीमार होने का जिम्मेदार बताया है।
इसके चलते फैट सेल्स शरीर को मिलने वाली ऊर्जा खर्च करने के बजाए जमा करने लगती है।
यह स्थिति शरीर में रोगजनक सूजन बढ़ाने लगती है। नतीजन, डायबिटीज और कार्डियोवैस्कुलर रोगों को बढ़ावा मिलता है।
लेकिन अब वैज्ञानिकों ने एक मैग्नेटिक रेजोनेंस स्पेक्ट्रोस्कोपी (Magnetic resonance spectroscopy – MRS) विकसित की है।
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इस बिना सुई या सर्जरी वाली विधि से फैट सेल्स में छिपे स्वास्थ्य जोखिमों का जल्द पता लगाने में मदद मिल सकती है।
अधिक जानकारी ईबायोमेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट से प्राप्त की जा सकती है।