Corona New Medicines: कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए WHO ने COVID-19 रोगियों के इलाज हेतु दो नई दवाओं के उपयोग की मंजूरी दी है।
इन दवाओं को अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के डब्ल्यूएचओ गाइडलाइन डेवलपमेंट ग्रुप द्वारा प्रस्तावित किया गया है।
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (बीएमजे) में प्रकाशित उनकी रिपोर्ट में, गठिया के लिए इस्तेमाल होने वाली बारिसिटिनिब (Baricitinib) को कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (Corticosteroids) के साथ देने की सलाह दी गई है।
ये दवाएं गंभीर या जानलेवा अवस्था में पहुंचे कोरोना ग्रस्त रोगियों के इलाज में उपयोगी बताई गई है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि नई दवाएं मरीजों की हालत में सुधार करते हुए उनकी वेंटिलेशन की आवश्यकता को कम करती है। अभी तक इनके प्रतिकूल प्रभावों में कोई वृद्धि भी नहीं देखी गई है।
डॉक्टर इन नई दवाओं को लागत, उपलब्धता और अनुभव के आधार पर चुन सकते है। हालांकि, उंन्हे पहले से ही उपलब्ध गठिया की Interleukin-6 (IL-6) और Baricitinib में से केवल एक ही दवा का उपयोग करना होगा।
इसके अलावा, विशेषज्ञों ने केवल अस्पताल में भर्ती होने के अत्यधिक जोखिम वाले मरीजों के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी सोट्रोविमैब (Monoclonal Antibody Sotrovimab) के उपयोग की बात भी कही है। लेकिन, यह दवा कोरोना के हल्के जोखिम वाले मरीजों के लिए नहीं होगी।
डब्ल्यूएचओ द्वारा एक अन्य मोनोक्लोनल एंटीबॉडी दवा, Casirivimab-Imdevimab के लिए भी इसी तरह की सिफारिश की गई है। हालांकि, ओमाइक्रोन जैसे नए वेरिएंट के खिलाफ उनकी प्रभावशीलता अभी भी अनिश्चित बताई गई है।
इसी कड़ी में विशेषज्ञों ने गठिया की Ruxolitinib और Tofacitinib दवाओं को उपयोग न करने की सलाह दी है। ऐसा फैसला उनके लाभ दिखाने में विफल रहने और Tofacitinib के गंभीर दुष्प्रभावों में संभावित वृद्धि के चलते लिया गया है।
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सभी दवाओं को लेने या न लेने की सलाह हल्के, मध्यम और गंभीर – सभी तरह के कोरोना संक्रमित 4,000 से अधिक रोगियों को शामिल कर हुए सात परीक्षणों के नए साक्ष्यों पर आधारित है।